सामाजिक संस्था केजीएमजी की वर्षगांठ पर महिलाओं ने प्रस्तुत किया आकर्षक नृत्य और गीत
( जेएनयू, नई दिल्ली में "झील में चाँद" के लोकार्पण की रपट / हर 12 घंटों के बाद जरूर देख लीजिए- FB+ Today)
महिलाओं को पुरुष से अधिक वरीयता इसलिए दी जाती है क्योंकि वे तो पुरुष के सारे कार्य कर सकती हैं और कर भी रही हैं लेकिन पुरुष कितनी भी कोशिश कर लें उनके सारे कार्यों को नहीं कर सकते. महिलाएँ बॉक्सिंग में ओलम्पिक मेडल ला रही हैं, दफ्तर जाकर कठिन से कठिन फाइलों का निपटारा कर रही हैं, पुलिस की वर्दी में खतरनाक अपराधियों में खौफ भी पैदा कर रही हैं, लड़ाकू विमान भी चला रही हैं साथ में बच्चों को भी पाल रही हैं और सौंदर्य प्रतियोगिता में भी मेडल ला रहीं हैं. लेकिन वहीं पुरुषवर्ग अब भी मेहनत- मजदूरी, फाइल वर्क, शक्तिप्रदर्शन की अपनी स्वनिर्धारित सीमाओं से बाहर नहीं निकल पाया है. न तो वे सौंदर्य प्रतियोगिता में शामिल हो पाते हैं, न बच्चे को चुप करा पाते हैं और चुल्हा-चौके की बात करिये तो दाई को खोजने लगते हैं. स्पष्ट है कि महिलाएँ, पुरुषों से आगे हैं.
इसके बावजूद अक्सर देखा जाता है कि जब भी कोई उत्सव आयोजित किया जाता है तो पुरुष वर्ग ज्यादा सक्रिय हो जाता है और महिलाओं को नेपथ्य में रहना पड़ता है. इसलिए जरूरत महसूस की गई कि महिलाओं का आयोजन महिलाओं के द्वारा ही हो. इस दृष्टि से एक अति पारम्परिक माने जानेवाले कर्ण समाज की संस्था कर्णगोष्ठी महिला ग्रुप का योगदान महत्वपूर्ण है.
दिनांक 9.11.2019 को एवेरेस्ट वर्ल्ड कॉम्प्लेक्स, कोलशेत रोड, ठाणे में महिलाओं की सामाजिक सांस्कृतिक संस्था- केजीएमजी, मुम्बई इकाई की वर्षगांठ पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें लगभग 65 सदस्यों ने भागीदारी की. साथ ही अनेक महिलाओं के पति, बच्चे आदि भी इस अवसर पर उपस्थित थे. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे बेजोड़ इंडिया ब्लॉग के हेमन्त दास 'हिम' और एलआईसी अधिकारी सुशीला दास. कार्यक्रम का संचालन स्मृतिश्री ने किया.
कार्यक्रम में संस्था की गतिविधियों का परिचय देने के बाद मुख्य अतिथियों के सामाजिक-सांस्कृतिक योगदान का परिचय दिया गया. मुख्य अतिथियों को गुलदस्ता और शिल्ड देकर और फिर शाल और पाग पहनाकर स्वागत किया गया. फिर सामूहिक रूप से भव्य स्वागत गान भी प्रस्तुत किया गया.
मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए हेमन्त दास 'हिम' ने केजीएमजी की महिलाओं की इस बात के लिए सराहना की कि वे घर के कामकाज को बखूबी संभालते हुए भी अपने कला-कौशल की साधना में तन-मन से लगी हैं. उन्होंने भावना कंठ (प्रथम भारतीय महिला लड़ाकू विमानचालक), गोदावरी दत्त (मिथिला चित्रकला हेतु पद्मश्री) और अपर्णा दास (विदेश की सौंदर्य प्रतियोगिता में विजेता) का उदाहरण देते हुए बताया कि महिलाएं हर प्रकार की क्षमता से परिपूर्ण हैं और घर संभलाने को प्राथमिकता देना उनकी उनका अपना चुनाव है क्योंकि वे जानती हैं कि पहले परिवार का दुरुस्त होना जरूरी है तभी राष्ट्र हित का कोई अन्य कार्य करना सम्भव है.
मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए हेमन्त दास 'हिम' ने केजीएमजी की महिलाओं की इस बात के लिए सराहना की कि वे घर के कामकाज को बखूबी संभालते हुए भी अपने कला-कौशल की साधना में तन-मन से लगी हैं. उन्होंने भावना कंठ (प्रथम भारतीय महिला लड़ाकू विमानचालक), गोदावरी दत्त (मिथिला चित्रकला हेतु पद्मश्री) और अपर्णा दास (विदेश की सौंदर्य प्रतियोगिता में विजेता) का उदाहरण देते हुए बताया कि महिलाएं हर प्रकार की क्षमता से परिपूर्ण हैं और घर संभलाने को प्राथमिकता देना उनकी उनका अपना चुनाव है क्योंकि वे जानती हैं कि पहले परिवार का दुरुस्त होना जरूरी है तभी राष्ट्र हित का कोई अन्य कार्य करना सम्भव है.
इस अवसर पर दूसरी मुख्य अतिथि सुशीला दास ने भी मुम्बई की महिलाओं की सराहना की कि वे मुम्बई के विभिन्न क्षेत्रों में रहते हुए भी समय-समय पर मिलती रहती हैं और अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं.
भगवती गीत (जय जय भैरवि असुर भयाओनि ओनि - समूहगान
कार्यक्रम में स्वागत गान (अपलक नयन निहारी निहोरा करैत उचित अतिथिगण नमन करू स्वीकार) - समूह
दीप प्रज्ज्वलन - सुषमा लाल, सुशीला दास, नीलम प्रभा, रानी चौधरी, जया रानी, कल्पना मधुकर
एकल नृत्य प्रस्तुति (गणेश वंदना) - स्मृतिश्री
एकल नृत्य प्रस्तुति - हर्षिका कौशल, अंबिका, युक्ता कर्ण, साक्षी दास
एकल गायन - जया रानी, रजनी रंजन, अर्थ मोहन
इन प्रस्तुतियों का उपस्थित दर्शकों ने भावविहवल होकर तालियाँ बजाते हुए खूब सराहा.
जया रानी ने सामा-चकेवा लोकगीत गाया जिसके बोल थे- "चुगला, तू लगन बीता क अयलें ससुरारी मे, खीर परोसल थारी मे न".
रजनी रंजन ने गाया - "हे रौ मोर उगना, तू कतS गेलें रुसना, कतेक तोरा तकबौ रौ"
कलाकारों की भागीदारी इस प्रकार थी -
मुख्य अतिथियों को सम्मान प्रदान करने का कार्य - सुषमा लाल, विनीता दास, जया रानी
सब की देख रेख - स्मृतिश्री, रूपा दास, सुनीता दास, वर्षा दास, कल्पना मधुकर
जया रानी - महाकवि लाल दास के बारे में
रंगोली - सुलेखा दास
अरिपन - प्रीति सुमन
खोइछा - नीलम लाल, मधु प्रकाश और अन्य
नीलम लाल - खट्टर काका के तरंग
रानी कौशल - कर्णमाला गीत - आऊ आऊ हे सखिया
नीता अजित कर्ण - कविता
इन सभी प्रस्तुतियों पर उपस्थित दर्शकगण मंत्रमुग्ध होकर देखते रहे और उन्हें जोरदार तालियों से अपनी प्रसन्नता का इजहार करते रहे. इससे कलाकारगण और भी उत्साहित होकर अपनी प्रस्तुतियों को और जोरदार तरीके से अंजाम देते रहे.
पुराने वस्त्रों का दान और केक कटिंग - बच्चों के हाथों से
विशेष आकर्षण रहा इस अवसर पर महिलाओं द्वारा लगाये गए कुछ बिक्रय स्टॉल जो इस प्रकार थे-
स्टॉल 1 - महाकवि लाल दासक पुस्तक: रमेश्वरचरित मिथिला रामायण, स्त्री धर्मशिक्षा आदि- जया रानी
स्टॉल 2 - खड्गबल्लभ दास 'स्वजन'क पुस्तक "सीताशील" - सुनीता दास
स्टॉल 3 - मिथिला पेंटिंग वाले जूट बैग, सैंडल, पेन स्टैंड आदि - कल्पना मधुकर
स्टॉल 4 - मोबाइल बैग, ज्वेलरी बॉक्स इत्यादि - स्मृतिश्री
स्टॉल 5 - अदौरी, केक, लैम्पपैड इत्यादि - रानी कौशल
स्टॉल 5 - मधुबनी पेंटिंग, चादर, पोस्टर इत्यादि - नीता अजित कर्ण
चित्र प्रतियोगिता में भाग लेनेवाले बाल कलाकार - राग मानस, हर्षिका कौशल, युक्ता कर्ण, अर्थ मोहन, आरव, रवि रंजन, हंसा दास, राशि दास, आर्या दासदास, क्षितिज कृष्णकृष्ण, अर्णव दास (15 बच्चे पुरस्कृत)
चित्रकला प्रतियोगिता के निर्णायक - नीलम लाल, के किरण दास, सुनीता दास
जया रानी ने यह बताया कि महाकवि लाल दास की जयंती मनाने के दौरान केजीएमजी की एक शाखा का गठन इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनीता दास की उपस्थिति में खड़ौआ ग्राम (मधुबनी) में भी किया गया है जिसकी संयोजक कल्पना दास को बनाया गया है.
कुल मिलाकर प्रथम स्थापना दिवस का यह कार्यक्रम भाग लेनेवाले कलाकारों और दर्शकों की मधुर स्मृति पर अपनी ऐसी छाप छोड़ गया जिसे आनेवाले अनेक वर्षों तक हटा पाना बहुत मुश्किल होगा.
.....
आलेख - हेमन्त दास 'हिम'
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@yahoo.com
नोट - कृपया शेष जानकारी अथवा सुधार हेतु सुझाव ऊपर दिये गए ईमेल पर भेजिए.
दीप प्रज्ज्वलन - सुषमा लाल, सुशीला दास, नीलम प्रभा, रानी चौधरी, जया रानी, कल्पना मधुकर
एकल नृत्य प्रस्तुति (गणेश वंदना) - स्मृतिश्री
एकल नृत्य प्रस्तुति - हर्षिका कौशल, अंबिका, युक्ता कर्ण, साक्षी दास
एकल गायन - जया रानी, रजनी रंजन, अर्थ मोहन
इन प्रस्तुतियों का उपस्थित दर्शकों ने भावविहवल होकर तालियाँ बजाते हुए खूब सराहा.
जया रानी ने सामा-चकेवा लोकगीत गाया जिसके बोल थे- "चुगला, तू लगन बीता क अयलें ससुरारी मे, खीर परोसल थारी मे न".
रजनी रंजन ने गाया - "हे रौ मोर उगना, तू कतS गेलें रुसना, कतेक तोरा तकबौ रौ"
कलाकारों की भागीदारी इस प्रकार थी -
मुख्य अतिथियों को सम्मान प्रदान करने का कार्य - सुषमा लाल, विनीता दास, जया रानी
सब की देख रेख - स्मृतिश्री, रूपा दास, सुनीता दास, वर्षा दास, कल्पना मधुकर
जया रानी - महाकवि लाल दास के बारे में
रंगोली - सुलेखा दास
अरिपन - प्रीति सुमन
खोइछा - नीलम लाल, मधु प्रकाश और अन्य
नीलम लाल - खट्टर काका के तरंग
रानी कौशल - कर्णमाला गीत - आऊ आऊ हे सखिया
नीता अजित कर्ण - कविता
इन सभी प्रस्तुतियों पर उपस्थित दर्शकगण मंत्रमुग्ध होकर देखते रहे और उन्हें जोरदार तालियों से अपनी प्रसन्नता का इजहार करते रहे. इससे कलाकारगण और भी उत्साहित होकर अपनी प्रस्तुतियों को और जोरदार तरीके से अंजाम देते रहे.
पुराने वस्त्रों का दान और केक कटिंग - बच्चों के हाथों से
विशेष आकर्षण रहा इस अवसर पर महिलाओं द्वारा लगाये गए कुछ बिक्रय स्टॉल जो इस प्रकार थे-
स्टॉल 1 - महाकवि लाल दासक पुस्तक: रमेश्वरचरित मिथिला रामायण, स्त्री धर्मशिक्षा आदि- जया रानी
स्टॉल 2 - खड्गबल्लभ दास 'स्वजन'क पुस्तक "सीताशील" - सुनीता दास
स्टॉल 3 - मिथिला पेंटिंग वाले जूट बैग, सैंडल, पेन स्टैंड आदि - कल्पना मधुकर
स्टॉल 4 - मोबाइल बैग, ज्वेलरी बॉक्स इत्यादि - स्मृतिश्री
स्टॉल 5 - अदौरी, केक, लैम्पपैड इत्यादि - रानी कौशल
स्टॉल 5 - मधुबनी पेंटिंग, चादर, पोस्टर इत्यादि - नीता अजित कर्ण
चित्र प्रतियोगिता में भाग लेनेवाले बाल कलाकार - राग मानस, हर्षिका कौशल, युक्ता कर्ण, अर्थ मोहन, आरव, रवि रंजन, हंसा दास, राशि दास, आर्या दासदास, क्षितिज कृष्णकृष्ण, अर्णव दास (15 बच्चे पुरस्कृत)
चित्रकला प्रतियोगिता के निर्णायक - नीलम लाल, के किरण दास, सुनीता दास
जया रानी ने यह बताया कि महाकवि लाल दास की जयंती मनाने के दौरान केजीएमजी की एक शाखा का गठन इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनीता दास की उपस्थिति में खड़ौआ ग्राम (मधुबनी) में भी किया गया है जिसकी संयोजक कल्पना दास को बनाया गया है.
कुल मिलाकर प्रथम स्थापना दिवस का यह कार्यक्रम भाग लेनेवाले कलाकारों और दर्शकों की मधुर स्मृति पर अपनी ऐसी छाप छोड़ गया जिसे आनेवाले अनेक वर्षों तक हटा पाना बहुत मुश्किल होगा.
.....
आलेख - हेमन्त दास 'हिम'
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@yahoo.com
नोट - कृपया शेष जानकारी अथवा सुधार हेतु सुझाव ऊपर दिये गए ईमेल पर भेजिए.
पं लाल दास कृत पुस्तक के कवर में कल्ल्पना मधुकर की पेंटिंग |
thanks to bejod India ��������
ReplyDeleteThanks for appreciation.
DeleteCoverage and photographs are very well covered and written very nicely����
ReplyDeleteThanks Sir for your compliments!
DeleteVery nice woman are great than man. So we salute woman as mother sis daughter friend and most valuable relation life partner. Thanks to all for this.
ReplyDeleteRamanand Raman
DeleteSt. Mother Teresa's school Manmohan Madhubani
Thanks Sir. If you comment here after logging in to blogger.com then your name and profile pic as given in it's profile will appear here automatically.
DeleteThanks to bejod India 🙏🙏🙏
ReplyDeleteThanks for your appreciation.
DeleteNicely covered the events.
ReplyDeleteThanks for your compliments!
Deleteurgently in need of Kidney donors with the sum of $500,000.00,Email:healthc976@gmail.com
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