बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में, नववर्षाभिनंदन काव्योत्सव में, नगर के लगभग पचास कवि-कवयित्रियों ने अपनी गीत गजलों रूबाईयों कविताओं से, नए वर्ष 2019 का स्वागत किया।
मृत्युंजय मिश्र करुणेश ने "दो कदम चलकर ये मुमकिन है लड़खड़ाएंगे /
अनिल सुलभ ने" आंखों में कट गया नया साल कि वो आएंगे नये साल "/
सिद्धेश्वर ने " झांक रहा सूरज, नए वर्ष की खिड़की से "/
शंकर प्रसाद ने" नए साल के लिए खौफ दहशत मिटे, यूं न अस्मत लुटे " के साथ - साथ
आर पी घायल , शमां कोसर, ओम प्रकाश पांडे, शिववंश पांडे , रश्मि प्रिया , अर्जुन प्रसाद, रामनाथ आदि कवियों ने अपनी सारगर्भित कविताओं का पाठ कर, नए साल की शुभकामनाएं व्यक्त की ।
कवि सम्मेलन का संचालन किया योगेन्द्र प्रसाद सिंहा ने।
मृत्युंजय मिश्र करुणेश ने "दो कदम चलकर ये मुमकिन है लड़खड़ाएंगे /
अनिल सुलभ ने" आंखों में कट गया नया साल कि वो आएंगे नये साल "/
सिद्धेश्वर ने " झांक रहा सूरज, नए वर्ष की खिड़की से "/
शंकर प्रसाद ने" नए साल के लिए खौफ दहशत मिटे, यूं न अस्मत लुटे " के साथ - साथ
आर पी घायल , शमां कोसर, ओम प्रकाश पांडे, शिववंश पांडे , रश्मि प्रिया , अर्जुन प्रसाद, रामनाथ आदि कवियों ने अपनी सारगर्भित कविताओं का पाठ कर, नए साल की शुभकामनाएं व्यक्त की ।
कवि सम्मेलन का संचालन किया योगेन्द्र प्रसाद सिंहा ने।
प्रस्तुति एवं फोटो - सिद्धेश्वर
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल आईडी - editorbejodindia@yahooo.com
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