साहित्यिक पाठ, विमर्श और मनोरंजन से परिपूर्ण आयोजन
लघुकथा की विषय वस्तु, शिल्प तथा पंच लाईन कैसी होनी चाहिये?
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नवी मुंबई, अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच की ओर से 25 एवं 26 अगस्त 2019 को आयोजित दो दिवसीय साहित्यिक पर्यटन सफलता पूर्वक पनवेल से आगे यूसुफ मेहर अली ग्रामोद्योग केंद्र में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ. वरिष्ठ समाज सेविका और लेखक अलका पाण्डेय ने बताया कि प्रति वर्ष की तरह दो दिवसीय साहित्यिक पर्यटन में इस बार 35 लोगो ने भाग लिया.
प्रथम दिन के पहले परिचय सत्र में सभी का एक दूसरे से परिचय हुआ. दूसरा सत्र काव्य प्रतियोगिता का था जिसका विषय "वर्षा ऋतु" था. इस सत्र का संचालन पवन तिवारी ने किया. अध्यक्षता त्रिलोचन सिंह अरोरा ने की . प्रतियोगिता के निर्णायक थे अरुण प्रकाश मिश्र और ओमप्रकाश पाण्डेय. इस प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार पवन तिवारी ने दूसरा आभा झा ने तीसरा पुरस्कार सुशील शुक्ला ने जीता.
तीसरे सत्र में लघुकथा लेखन व शिल्प पर मार्गदर्शन पर वरिष्ठ लघुकथाकार सेवा सदन प्रसाद एवं रायपुर से पधारी वरिष्ठ लघुकथाकर आभा झा ने दिया. इस सत्र की अध्यक्षता विजय कुमार भटनागर ने की. विशेष अतिथि रहे सुशील शुक्ला. सेवासदन और आभा झा ने लघुकथा की बारीकियों को बड़े ही सहज ढंग से बताया. लघुकथा की विषय वस्तु, शिल्प तथा पंच लाईन कैसी होनी चाहिये. इस पर सेवासदन जी ने बहुत ही अच्छे से मार्गदर्शन किया. चौथा सत्र लघुकथा लेखन स्पर्धा का रहा. जिसमें विषय था 'जन्मोत्सव'. लघुकथा स्पर्धा में सर्वश्रेष्ठ लघुकथा का पुरस्कार अभिलाज को, दूसरा पुरस्कार रामप्यारे रघुवंशी को और तीसरा पुरस्कार नीरजा ठाकुर को प्राप्त हुआ. सांत्वना पुरस्कार विजय कुमार भटनागर एवं अरुण प्रकाश मिश्र को मिला.
दूसरे दिन के पहले सत्र यानी आयोजन के पाँचवा सत्र में योग पर चर्चा हुई जिसके प्रमुख वक्ता थे रामप्यारे रघुवंशी. योगाभ्यास भी हुए.
छठा सत्र काव्य पाठ का रहा जिसकी अध्यक्षता डी पी मिश्र ने की.विशेष अतिथि रहे पवन तिवारी, कविता राजपूत, अलका पाण्डेय, नीरजा ठाकुर, मंच संचालन अधिवक्ता एवं कवि अनिल शर्मा ने किया. कविता पाठ करने वाले कवि थे ओम प्रकाश पाण्डेय, विजय भटनागर, सेवासदन प्रसाद, रामप्यारे रघुवंशी, लालबहादुर यादव कमल, सुशील शुक्ल नाचीज, अभिलाज, कविता राजपूत, त्रिलोचन सिंह अरोरा, कुलदीप सिंह दीप, अलका पाण्डेय, इंदिरा मिश्रा, कंचन सिंह, वंदना पाण्डेय, चंदा चक्रवर्ती, कमल पाटील, आभा झा, निरजा ठाकुर, कलावती, गिरजा सिंह, रामावती, मालती सिंह, डी पी मिश्रा आदि ने अपनी सर्वश्रेष्ठ रचनाओं में से कुछ प्रस्तुत कर तालियाँ बटोरी.
सातवाँ सत्र में गीत-मनोरंजन और अन्य कार्यक्रम के पश्चात साहित्यिक पर्यटन की आयोजक अलका पाण्डेय ने सभी सहभागियों का आभार व्यक्त किया. फिर इस दो दिवसीय खूबसूरत आयोजन के बाद शाम 5 बजे सभी मुम्बई की ओर चल दिये.
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आलेख - अलका पाण्डेय
छायाचित्र - अ.भा. अग्निशिखा मंच
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