Small Bite-8 / पूर्व मध्य रेल के राजभाषा विभाग द्वारा पुस्तक मेला का आयोजन 11 और 12 फरवरी, 2019 को जारी

बाकी मित्रों के चले जाने पर भी पुस्तकों का मिलता है साथ : एलसी त्रिवेदी
पुस्तक मेले में सास्कृतिक कार्यक्रम और गोष्ठियां भी 



पूर्व मध्य रेल के राजभाषा विभाग द्वारा हाजीपुर के जोनल मुख्यालय परिसर में 11 से 12 फरवरी, 2019 तक दो दिवसीय पुस्तक मेला का उद्घाटन पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी तथा अपर महाप्रबंधक-सह-प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर  राकेश तिवारी की उपस्थिति में प्रशासन विभाग की कर्मचारी अलका गुप्ता द्वारा किया गया  है । मेला में लगाए गए सभी स्टॉल का भ्रमण करने के उपरांत महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी ने कहा कि पुस्तकें हमारे जीवन की सच्ची मित्र हैं । बाकी मित्र साथ छोड़ सकते हैं, लेकिन किताबों से मिला ज्ञान हमेशा हमारा साथ निभाते हैं । रेल कर्मचारियों को पुस्तकों से जोड़ने के लिए इस पुस्तक मेले का आयोजन किया गया है । इससे पहले मुख्यालय परिसर में मुक्तिबोध हिंदी पुस्तकालय द्वारा पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया था । रेल कर्मियों के बीच पठन-पाठन के संस्कृति के विकास के लिए मुख्यालय स्थित मुक्तिबोध हिंदी पुस्तकालय भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है । उन्होंने राजभाषा विभाग को निर्देश दिया की एक माह के अंदर रेलवे के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए पुस्तकों पर आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाए तथा विजेताओं को पुरस्कार स्वरूप पुस्तकें प्रदान की जाए । 

अपर महाप्रबंधक-सह-मुख्य राजभाषा अधिकारी राकेश तिवारी ने कहा कि हम सभी को नियमित तौर पर किताबें पढ़नी चाहिए ताकि हमारा ज्ञान बढ़ता रहे । कार्यस्थल पर जानकारी को बढ़ाने के लिए तकनीकी पुस्तकें तथा मानसिक क्षमता में वृद्धि के लिए साहित्यिक पुस्तकें पढ़नी चाहिए । इस पुस्तक मेला में वाणी प्रकाशन,राजकमल प्रकाशन, सर्व सेवा संघ प्रकाशन; अनुपम प्रकाशन, अंतिका प्रकाशन, कांति प्रकाशन, भारतीय ज्ञानपीठ, सर्वोदय बुक स्टॉल, वातायन प्रकाशन के साथ मुक्तिबोध हिंदी पुस्तकालय तथा जनसंपर्क विभाग द्वारा पुस्तकों का प्रदर्शन किया गया है ।

पुस्तक मेला में साहित्यिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन भी किया गया है । पहले दिन कथाकार अशोक कुमार प्रजापति ने अपने कथा-संग्रह "मंगेतर का मोबाइल" से "चालीस साल लंबा स्वप्न" कहानी का पाठ किया । रेलवे अधिकारी दिलीप कुमार ने अपने कविता-संग्रह "अप डाउन में फंसी जिंदगी" से रेल कर्मियों के जीवन पर आधारित कविताओं का पाठ किया । रेलकर्मी राजकिशोर राजन ने महात्मा बुद्ध के जीवन पर आधारित काव्य संग्रह "कुशीनारा से गुजरते से" एक कविता का पाठ किया । इसके अलावा गौतम गुप्ता, श्वेता शेखर, रवि प्रभात श्रीवास्तव, चंदन नवीन आदि ने भी स्वरचित कविताओं का पाठ किया । इस अवसर पर पूर्व मध्य रेल के प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी शैलेंद्र कुमार, प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक सलिल कुमार झा, मुख्य यातायात योजना प्रबंधक संजय कुमार, मुख्य यात्री यातायात प्रबंधक विभूति भूषण गुप्ता, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार, महाप्रबंधक के सचिव अजीत कुमार झा, मुख्य कार्मिक अधिकारी सुरेश चंद्र श्रीवास्तव, मुख्य वित्त अधिकारी शशिकांत मिश्रा, अभिजीत  सिन्हा, मनीष चंद्र, राजभाषा अधिकारी अशोक श्रीवास्तव सहित सभी रेल अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे । उप मुख्य राजभाषा अधिकारी दिलीप कुमार ने बताया कि मुख्यालय परिसर में आयोजित इस पुस्तक मेला में प्रवेश पूरी तरह से निशुल्क है तथा रेल कर्मियों के अलावा दूसरे लोग भी पुस्तक मेला में आ सकते हैं पुस्तक मेला के दूसरे दिन दिन में एक बजे से तीन बजे तक कवि सम्मेलन, लघु कथा पाठ तथा पुस्तक-चर्चा का आयोजन किया गया है ।
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आलेख - नीतू नवगीत
छायाचित्र सौजन्य - नीतू नवगीत
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