अपनी पहचान को तलाशती बेटी
(Read the review of the drama with the pictures of the scenes - Click here)
यह क्लासिकल नाटक अति-नाभकीय परिवार की कहानी है जिसमें पिता का भी पता नहीं.शानदार नाटक और ग़ज़ब के कलाकार. मिसेज वारेन ने हमेशा अपनी बेटी विवी को खुद से दूर एक होस्टल वाले एक आधुनिक कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाया ताकि वह अच्छी तरह से पढ़ लिख सके.
विवी सुंदर और मेधावी छात्रा है और बी.एस.सी. (ऑनर्स) करने के बाद अपने माँ के शहर में आती है जहाँ उसके लिए अलग घर लिया गया है. माँ अब उसकी शादी करना चाहती है. उसके घर में लोग बुलाये जाते हैं.
लेकिन विवी को एक सवाल परेशान करता रहता है कि उसका पिता कौन है? वह अवसर पाते ही माँ से यह सवाल पूछ बैठती है. माँ टालना चहती है लेकिन विवी जिद पर अड़ी है. माँ यानी मिसेज वारेन बताती है कि उसे अपनी प्यारी बेटी विवी को पालने के लिए वेश्या का काम करना पड़ा और बाद में उसने युरोप के शहरों में वेश्यालयों को चलाकर अच्छी सम्पत्ति कमाई जिससे बेटी की अच्छे ढंग से परवारिश कर सकी. लेकिन अब वह इन गंदे कामों को छोड़ चुकी है. बेटी माँ के इस त्याग को देखकर प्रभावित होती है और माँ को आदर करने लगती है.
विवी सुंदर और मेधावी छात्रा है और बी.एस.सी. (ऑनर्स) करने के बाद अपने माँ के शहर में आती है जहाँ उसके लिए अलग घर लिया गया है. माँ अब उसकी शादी करना चाहती है. उसके घर में लोग बुलाये जाते हैं.
लेकिन विवी को एक सवाल परेशान करता रहता है कि उसका पिता कौन है? वह अवसर पाते ही माँ से यह सवाल पूछ बैठती है. माँ टालना चहती है लेकिन विवी जिद पर अड़ी है. माँ यानी मिसेज वारेन बताती है कि उसे अपनी प्यारी बेटी विवी को पालने के लिए वेश्या का काम करना पड़ा और बाद में उसने युरोप के शहरों में वेश्यालयों को चलाकर अच्छी सम्पत्ति कमाई जिससे बेटी की अच्छे ढंग से परवारिश कर सकी. लेकिन अब वह इन गंदे कामों को छोड़ चुकी है. बेटी माँ के इस त्याग को देखकर प्रभावित होती है और माँ को आदर करने लगती है.
इस बीच में उसकी माँ के अनेक मित्रों का आगमन होता है. एक मित्र अपनी अधेड़ उम्र के बावजूद अपनी बेटी के समान उम्र वाली विवी वारेन पर फिदा है. वह अपनी अकूत सम्पत्ति देने को तैयार है और कहता कि विवी अगर उससे शादी कर ले तो तो जब कुछ सालों के बाद वह मर जाएगा तो उसकी अकूत सम्पत्ति की मालकिन विवी हो जाएगी.
विवी अपनी माँ के दूसरे दोस्त गार्डनर के बेटे फ्रैंक को पसंद करने लगी है. यह जानते ही अधेड़ उम्रवाला वह धनी आदमी एक राज खोल देता है कि फ्रैंक और विवी कभी शादी नहीं कर सकते क्योंकि दोनो दरअसल सौतेले भाई-बहन हैं क्योंकि मिसेज वारेन का गार्डनर से सम्बध रहा था.इन बातों को जानने के बाद विवी यह फैसला लेती है कि वह आजीवन शादी नहीं करेगी. लेकिन एक और राज खुलने से उसे बहुत धक्का लगता है जिसे वह बर्दाश्त नहीं कर पाती है.
लेकिन आगे चल कर जब उसे पता चलता है कि माँ अब भी वेश्यालयों को चलाने के काम में लिप्त है तो वह उसे अपने घर से निकाल देती है हमेशा के लिए यह कहते हुए कि मैंने तुम्हारे पिछली गलतियों को क्षमा किया था तुम्हारे वर्तमान के अपराधों को मैं बिल्कुल क्षमा नहीं करूंगी. मैं पत्रकार का काम करुंगी और अपना काम चला लूंगी. माँ कहती है कि इतने कम पैसों में तुम्हें मुश्किल होगी. बेटी कहती है कि मुझे इसी में शांति मिलेगी तुम भाग जाओ हमेशा के लिए मेरी ज़िंदगी से.
नाटक का मंचन अंधेरी (मुम्बई) के ओडियम प्रेक्षागृह में 27.4.2019 को हुआ जिसके निर्देशक अभूदय ताम्हणकर थे. कलकार थे रश्मी खन्ना, मयंक परेरा, विशाल रुंगटा, विनीत आहूजा, पुनीत बत्रा और कुणाल शर्मा.
(नोट- नाटक के दृश्यों के चित्र विस्तृत अंग्रेजी समीक्षा में है जिसका लिंक इस पोस्ट में सबसे ऊपर दिया है।)
नाटक का मंचन अंधेरी (मुम्बई) के ओडियम प्रेक्षागृह में 27.4.2019 को हुआ जिसके निर्देशक अभूदय ताम्हणकर थे. कलकार थे रश्मी खन्ना, मयंक परेरा, विशाल रुंगटा, विनीत आहूजा, पुनीत बत्रा और कुणाल शर्मा.
(नोट- नाटक के दृश्यों के चित्र विस्तृत अंग्रेजी समीक्षा में है जिसका लिंक इस पोस्ट में सबसे ऊपर दिया है।)
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आलेख - हेमन्त दास 'हिम'
छायाचित्र - बेजोड़ इंडिया ब्लॉग
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प्रतिक्रिया हेतु ईमेल आईडी- editorbejodindia@yahoo.com
Very nice
ReplyDeleteThanks a lot. If you comment after logging in to blogger.com then your name in blogger profile appears here.
DeleteReally a best / dedicated supper to us
ReplyDeleteMay God bless you