Monday 14 October 2019

"बेंगलुरु में वाजा (राइटर्स एंड जनर्लिस्ट एशोसियेशन) द्वारा पुस्तक "यादों का कारवाँ" का लोकार्पण 13.10.2019 को सम्पन्न

वाजा (राइटर्स एंड जनर्लिस्ट एशोसियेशन) के बैनर तले बैंगलुरू में हुआ कार्यक्रम
मलयाली भाषी लेखिका ने सृजित की तीसरी हिन्दी कृति

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आज वाजा बैंगलुरू इकाई की ओर से "यादों का कारवाँ" नामक पुस्तक का विमोचन व परिचर्चा का कार्यक्रम करूणाय हाल जीवन बीमा नगर बैंगलुरू में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में दक्षिण भारत के विभिन्न भाषाओं के सैकड़ों लेखक - पत्रकार मौजूद रहे।

प्रातः 11 बजे से शुरू हुये इस कार्यक्रम का संचालन करते हुये वाजा बैंगलुरू के संगठन सचिव अजय यादव ने पुस्तक परिचर्चा के समीक्षकों का मंच पर आहवाह्न किया, विशेष बात यह रही कि बैंगलुरू में यह प्रथम अवसर था जब किसी पुस्तक समीक्षा व परिचर्चा हेतु मंच पर एक साथ बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे । 

समीक्षा की विशेषता थी कि चार समीक्षक को 15-15 रचनाओं की और पाँचवें समीक्षक को सात रचनाओं की समीक्षा करनी थी... यह सार्थक सराहनीय अनुकरणीय प्रयोग था.. समीक्षकों में मधुकर लारोकर, उपाध्यक्ष वाजा बैंगलुरू डा.सुनील तरूण जैन वरिष्ठ मंचीय कवि, डा.शशि मंगल वरिष्ठ साहित्यकार जयपुर, विभा रानी श्रीवास्तव पटना श्री गजे सिंह सहित कई लोग मौजूद थे। 

इस अवसर पर उक्त पुस्तक की रचयिता केरल की मूल निवासी व मलयालम भाषा की प्रतिष्ठित लेखिका रेखा पी मेनन को वाजा संगठन की ओर से बैंगलुरू महासचिव प्रोफेसर लता चौहान ने अंग वस्त्र , माल्यार्पण व स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया। मंच पर उपस्थित अतिथियों का स्वागत वाजा बैंगलुरू की कोषाध्यक्ष श्री लता ने किया तथा संचालन सहयोग वाजा बैंगलुरू की सचिव चिलुका पुष्पलता द्वारा किया गया।

इस कविता संग्रह यादों का कारवाँ में कुल सरसठ (67) कवितायें हैं। इस पुस्तक के लेखिका की मातृभाषा मलयालम है फिर भी उन्होने हिन्दी भाषा में यह तीसरी कृति सृजित की है।

कार्यक्रम के आखिरी चरण में एक काव्य गोष्ठी भी आयोजित की गई जिसमें राश दादा राश, राजेन्द्र राही, सुशील शांति कोकिला, प्रियंका श्रीवास्तव पटना, अनीता तोमर, डॉ.सुनील तरूण इत्यादि ने कविता पाठ कर श्रोताओं की तालियाँ बटोरी।
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आलेख - लता चौहान 
छायाचित्र सौजन्य -बिभा रानी 
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@yahoo.com






6 comments:

  1. वाजा बेंगलोर इकाई का यह कार्यक्रम एक अभिनव प्रयास रहा।पुस्तक विमोचन और उसकी समीक्षा वाजा समूह ने एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया, और हम प्रथम प्रयास में सफल रहे। पूरी टीम को हमारी बधाई।
    डॉ मधुकर राव लारोकर बेंगलोर
    उपाध्यक्ष,वाजा समूह, बेंगलोर

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    1. श्रीमान डॉ.राव महोदय, आपको और आपके पूरे समूह को हार्दिक बधाई. blogger.com में गूगल पासवर्ड से login करके यहाँ कमेंट करने से उसके प्रोफाइल वाला आपका नाम और फोटो यहाँ स्वयं दिखेगा.

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  2. बधाई, आप सभी श्रेष्ठ जन को ,, सुश्री लता चौहान का आलेख सोने पे सुहागा,, बधाई

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