कविता -1
(शरद पूर्णिमा 13.10.2019)
(हर 12 घंटों के बाद जरूर देख लीजिए- FB+ Today Bejod India)
नभ में थिरकते चांद को मैंने देखा
टूट रहे एक बांध को मैंने देखा
जिसको अब दिखने लगे हैं जज्बात
‘हिम’ ऐसे जन्मांध को मैंने देखा
उस की फटकार का प्यारा तिलिस्म
हिदायतों की बांध को मैंने देखा
बड़ों की बस्ती में खोजता बच्चा
दिल की कूद फांद को मैंने देखा
मुस्को-हया की उसकी गर्मी में
ख्वाहिशों की रांध को मैंने देखा
जहाँ जन्मा है एक नया शावक
प्यार वाली मांद को मैंने देखा
पहले हमने देखा फूलों का शहर
और फिर चिरांद को मैंने देखा।
जहाँ जन्मा है एक नया शावक
प्यार वाली मांद को मैंने देखा
पहले हमने देखा फूलों का शहर
और फिर चिरांद को मैंने देखा।
.......
(1.रांध = पकाने का भाव, feeling of cooking / 2. चिरांद = एक प्रसिद्ध नवपाषाणकालीनपुरातात्विक स्थल)
कविता -2
ज़मीर के खिलाफ होनेवाली जो हस्ती नहीं
राह उसकी दश्त है बस दश्त है, बस्ती नहीं
मनाने की तुमको हमने उम्रभर की कोशिशें
फिर भी न माने अगर तो अब जबरदस्ती नहीं
चैन-ओ-अमन के साथ मुल्क ये खुशहाल हो
इतनी भली सी बात पर आपको जंचती नहीं
तूफां और भंवर ही 'हिम' शायद पार लगाएंगे
तैरना जाने न जनता और है कश्ती नहीं
वे भी कुछ बुरे नहीं और कुछ भले हैं आप भी
दूर की कुछ सोचिए बस फिरकापरस्ती नहीं।
....
कवि - हेमन्त दास 'हिम'
कवि का ईमेल - hemantdas_2001@yahoo.com
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@yahoo.com
कवि द्वारा शरद नवी मुम्बई में शरद पूर्णिमा की रात को चाँद का लिया गया चित्र / 13.10.2019 |
Bahut khoob, Hemant Ji. Badhai ho.
ReplyDeleteThank you Bhaiya.
Deleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteहार्दिक आभार, महोदय!
Deleteबहुत सुन्दर रचना हेमंत जी
ReplyDeleteहार्दिक आभार. blogger.com में गूगल पासवर्द से login करके यहाँ कमेंट करने पर उसके प्रोफाइल में दिये गए आपका नाम और फोटो दोनों यहाँ दिखेंगे.
Deleteवाह । बहुत दिन बाद आपकी रची नयी रचना बढ़ने को मिला ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर । अनुसरण करना होगा कुछ मुझे भी आपकी भाव से आपसे प्रेरणा लेने में ।
बहुत बहुत धन्यवाद विजय जी सराहना और मधुर विचारों के लिए।
DeleteModeration is important in all things, and playing video games is no different. Playing for hours on end isn't good for you, physically or mentally. There are a few games out there that know this and include measures to remind you to take breaks. Take the initiative yourself, though! Set an alarm so that you don't play for more than an hour straight.
ReplyDeleteplay bazaar satta king