Saturday 23 November 2019

"महात्मा गांधी का जीवन दर्शन और बिहार" पर एकल व्याख्यान और महिला विषयक पुस्तक का लोकार्पण पटना में 21.11.2019 को संपन्न

गांधी जी हर समस्या को नैतिक परिप्रेक्ष्य में देखते थे

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गाँधी जी विचारों से नहीं बल्कि मनुष्यों से प्रेम करते थे। वे हर समस्या को नैतिक परिप्रेक्ष्य में देखते थे। प्रो. सत्यकाम ने ये बातें कहते हुए यह भी जोड़ा कि गांधी जी के जीवन दर्शन के निर्माण में चंपारण आन्दोलन का बड़ा योगदान रहा । 

उन्होने आनंदी कुमार की लोकार्पित पुस्तक के बारे में बोलते हुए कहा की बिहार ही नहीं बल्कि देश और दुनिया की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी पर यह एक प्रामाणिक पुस्तक है जिसे हर लोकतंत्र प्रेमी को पढना चाहिए।

गांधी जी के 150वें जयंती-वर्ष पर "महात्मा गांधी का जीवन-दर्शन और बिहार" विषयक एकल व्याख्यान का आयोजन 21.11.2019 को  श्रीअरविंद महिला कालेज (पटना) में हुआ। बतौर मुख्य अतिथि व्याख्यान दिया इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू, दिल्ली) के समकुलपति प्रो.सत्यकाम ने।समारोह की अध्यक्षता पूर्व आइएएस एवं वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आई सी कुमार ने की,जबकि संचालन डॉ. शिवनारायण ने किया। समारोह में डॉ. आनन्दी कुमार की पुस्तक 'बिहार की राजनीति और महिलाएं' का लोकार्पण भी हुआ जिस पर डॉ. साधना ठाकुर, डॉ. सपना बरुआ, डॉ. शशिभूषण सिंह, डॉ. राधाकृष्ण सिंह आदि ने अपने-अपने विचार रखे। 

मुख्य वक्ता के तौर पर बोलती हुई डॉ. साधना ठाकुर ने कहा कि देश-विदेश के विधान मंडलों में महिलाओं का गौरवगान प्रस्तुत करती है।

सञ्चालन कर रहे कवि-समालोचक डॉ. शिव नारायण ने कहा कि लेखक स्त्री स्वायत्तता का पक्षधर है और उन्होंने पितृसत्तात्मक समाज में स्त्री की त्रासद स्थिति हेतु सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अवरोधों को जिम्मेवार ठहराया।

लेखक डॉ. आनंदी कुमार ने कहा कि इस पुस्तक में मैंने महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी को बढाने की वकालत की है ताकि एक समरस समाज का निर्माण हो सके।

सभा के अध्यक्ष के तौर पर बोलते हुए डॉ. आई. सी कुमार ने कहा कि यह पुस्तक महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी बढाने की मांग करती है जो सही है। उन्होंने कहा की गांधी जी के विचार आज अधिक प्रासंगिक हैं और उन्हीं के रास्ते पर चलाकर भारत फिर से विश्वगुरु बन सकता है।

विभिन्न वक्ताओं द्वारा अपने वक्तव्य में धर्म के महत्व पर भी बल दिया गया।

सभा में अपने विचार रखनेवालों में शंभू पी. सिंह, चितरंजन भारती, डॉ. प्रेमी कुमार, डॉ. सरिता कुमारी, डॉ. शशि सरोजनी बाला, डॉ. प्रभा मिश्र, डॉ. बिम्मी सिंह, डॉ. रीना सहाय भी शामिल थे। आरम्भ सर्वांगीण कालेज की प्राचार्या प्रो.मीरा कुमारी ने किया।

अंत में धन्यवाद ज्ञापन किया हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. बलिराजी मौर्या ने। समारोह में कथाकार चित्तरंजन भारती, पंकज प्रियम, डॉ. नीलू अग्रवाल, डॉ. आशा कुमारी, सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
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प्रस्तुति  - बेजोड़ इंडिया ब्यूरो
छायाचित्र सौजन्य - डॉ. शिवनारायण 
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@gmail.com














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