Tuesday, 26 November 2019

देवरिया (उo प्रo) में स्थानीय साहित्यकारों और विचारकों द्वारा दिनांक 24.11.2019 को विचार गोष्ठी व कवि सम्मेलन सम्पन्न

"रहेंगे दोनों साथ"

(हर 12 घंटों के बाद एक बार जरूर देख लीजिए- FB+ Today Bejod India)



साहित्य और विचार कोई महानगरों के एकाधिकार वाली धरोहर नहीं है। देश के कोने-कोने में रहनेवाला इससे वास्ता रखता है। सच पूछिए तो आज जो जितना बड़ा शहर है वह विचारों के स्तर पर उतना ही अनम्य और दृष्टिबाधित है। जो दिन को रात और रात को दिन साबित कर देनेवाली मीडिया की आंधी से जितना बचा हुआ है आज उसी के पास विचारों की रीढ़ बची हुई है।  दुनिया में साफ नीयत और प्रेम और मुहब्बत से बढ़कर कोई ज्ञान नहीं होता।


सरकारें भी अपने स्तर पर भाईचारा और सौहार्द स्थापित करने के नेक काम में अपने स्तर पर लगी है लेकिन जनता विशेष रूप से दूर-दराज क्षेत्रों में रहनेवालों को खुद भी इसमें लगना पड़ेगा ताकि उन्हें धर्म -अधर्म के वास्तविक अंतर को समझकर देशहित हेतु स्वयं को उन्मुख कर सकें।

बिखरते समाज को जोड़ने और तमाम विसंगतियों से ऊपर उठकर सामाजिक समरसता बनाये रखने उद्देश्य से दिनांक 24 नवम्बर, 2019 को बुद्ध पब्लिक विद्यालय, हरेराम चौराहा, प्रतापपुर, देवरिया (उo प्रo) में भाईचारा विषयक गोष्ठी व कवि सम्मेलन का आयोजित किया गया। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता गोंड महासभा के अध्यक्ष रामविलास आर्य ने किया । मुख्य अतिथि के रूप में कविवर रामेंद्र प्रकाश मिश्र उपस्थित थे। संचालन कवि पत्रकार मकसूद  किया। कार्यक्रम के संयोजक, समाज सेवी  जटा शंकर थे। 

कार्यक्रम का शुभारंभ कवि मधुसूदन द्विवेदी के द्वारा मंगलाचरण से किया गया । 

वयोवृद्ध कवि गिरधर तरण  अपनी रचना"आइए हमारी गली" सुनाकर सबका मन मोह लिया । 

वरिष्ठ कवि रविंद्र प्रकाश मिश्र ने अपनी रचना के माध्यम से आज की राजनीतिक सफलता के पीछे की कटु सच्चाई को जनता के सम्मुख रखा ।

शायर अब्बास अली ने अपनी रचना "करे लगले आपन काम भगत सिंह "सुना कर लोगों का मन मोह लिया । 

कवि वेद प्रकाश तिवारी ने  अपनी रचना चाँद का मजहब सुनाकर  खूब वाहवाही लूटी -  
जबकि आदमी का अभिमान
उसका कोरा ज्ञान
बाँट रहा है
गीता और कुरान
मैं होकर बेचैन
पूछता हूँ अक्सर चाँद से--
ऐ चाँद
कभी ईद पे तेरा दीदार
कभी कड़वा चौथ पे
तेरा इंतज़ार
अब तू ही बता
तेरा मजहब क्या है ?

कवि मक़सूद ने अपनी रचना "हिंदू यहीं के मुसलमान यहीं के रहेंगे दोनों साथ " हिंदू मुस्लिम एकता पर बनी सुंदर रचना प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरी । 

इस कार्यक्रम में कवि टुनटुन सिंह, रामभरोसा, बाबूलाल कुशवाहा ,डॉ वारसी आदि ने भी अपनी रचनाएं पढ़ी। डॉ रंगीला ने भोजपुरी में अपनी रचना पीड़िया महारानी सुनाकर लोगों का मन मोह लिया।  

कार्यक्रम के संयोजक  जटाशंकर सिंह के द्वारा साहित्यकारों को और पत्रकार बंधुओं को सम्मानित किया गया।
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प्रस्तुति - बेजोड़ इंडिया ब्लॉग
रपट के मूल लेखक - वेद प्रकाश तिवारी
छायाचित्र सौजन्य - वेद प्रकाश तिवारी
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@gmail.com







1 comment:

  1. वाह बहुत सुन्दर आपका यश बढ़े

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