Tuesday, 24 March 2020

प्रेम और वसंत (Love and The Spring) / संजय शांडिल्य की दो कविताएँ (Two poems by Sanjay Shandilya)

प्रेम (Love)


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1.
प्रेम पहाड़ी रास्ते की तरह होता है
जो दीखता बेहद खूबसूरत है
पर चलना जिस पर
उतना ही खतरनाक होता है
हालाँकि जो चलते हैं
उन्हें अच्छा लगता है चलना
इतना अच्छा कि चलते हुए
वे जान तक दे देते हैं...

Love is like a mountain road
Which looks so beautiful!
But to negotiate it
Is equally dangerous
However those who walk over it
They like to walk
And that too to an extend 
Where they die in the course....


2.
प्रेम में बस चलना होता है
रुकना कभी नहीं होता
पहुँचना कहीं नहीं होता...

You have only to proceed in love
Never to stop 
Nowhererl to reach.


3.
प्रेम शरद का चाँद
हेमंत का चित्त होता है
शिशिर की आग
वसंत का पलाश होता है
ग्रीष्म का गुलमोहर
अमलतास होता है
प्रेम पहली बारिश का
सोंधापन होता है...

Love is the moon of the Autumn
The mood of the pre-Winter
The fire of the Winter
It's the Palash of the Spring
The Gulmohar of the Summer
And the Amalataas
Love is the sweet aroma
Of the first shower of the Rain.


4.
प्रेम प्रतिकार है सबसे बड़ा
सबसे बड़ा समर्थन है
देवत्व के बंधन से
पलायन है प्रेम
मनुष्यता के समक्ष
सबसे बड़ा समर्पण है
सबसे बड़ी युक्ति है प्रेम
सबसे बड़ी उक्ति है
प्रेम सबसे बड़ी मुक्ति है...

Love is biggest revenge
And the biggest favour
It is an escape
From the bond of Gods
And the biggest surrender 
Before the humanity.
Love is the biggest device,
Love is the biggest quote,
Love is the biggest liberation.



वसंत रुकता नहीं / The Spring do not stop

आगे बढ़ता है
सभी ऋतुओं में
स्वयं को प्रकट करता है

इस तरह
पलाश के बाद
आता है गुलमोहर
छाता है अमलतास

शेष ऋतुएँ भी वसंत हो सकें
सो उनमें भी खिलते हैं फूल
जगता है प्रेम...जगती है आस
गाती है नाच-नाच वातास...

It moves ahead
It manifests itself
 In all the seasons

The way
Comes Gulmohar
After Palash
Amalatas spreads.

May the remaining seasons also  be the Spring
So, flowers bloom in them too
Love awakens ... awakens a hope
The wind sings while dancing.

.....
कवि (Poet) - संजय शांडिल्य  (Sanjay Shandilya)
English translation by - Hemant Das 'Him'
कवि का ईमेल (Email of the poet) - sanjayshandilya15@gmail.com
प्रतिक्रिया हेतु ब्लॉग का ईमेल  (Email of the blog for feedback) - editorbejodindia@gmail.com
कवि का परिचय‌‌‌-
जन्म : 15 अगस्त, 1970 |
स्थान : जढ़ुआ बाजार, हाजीपुर |
शिक्षा : स्नातकोत्तर (प्राणिशास्त्र) |
वृत्ति : अध्यापन | रंगकर्म से गहरा जुड़ाव | बचपन और किशोरावस्था में कई नाटकों में अभिनय |
प्रकाशन : कविताएँ हिंदी की प्रायः सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित एवं ‘अँधेरे में ध्वनियों के बुलबुले‘ (सारांश प्रकाशन, दिल्ली) तथा ‘जनपद : विशिष्ट कवि’ (प्रकाशन संस्थान, दिल्ली) में संकलित | कविता-संकलन ‘उदय-वेला’ के सह-कवि | दो कविता-संग्रह 'समय का पुल' और 'नदी मुस्कुराई ' शीघ्र प्रकाश्य |
संपादन : ‘संधि-वेला’ (वाणी प्रकाशन, दिल्ली), ‘पदचिह्न’ (दानिश बुक्स, दिल्ली), ‘जनपद : विशिष्ट कवि’ (प्रकाशन संस्थान, दिल्ली), ‘प्रस्तुत प्रश्न’ (दानिश बुक्स, दिल्ली), ‘कसौटी’(विशेष संपादन सहयोगी के रूप में ), ‘जनपद’ (हिंदी कविता का अर्धवार्षिक बुलेटिन), ‘रंग-वर्ष’ एवं ‘रंग-पर्व’ (रंगकर्म पर आधारित स्मारिकाएँ) |
संपर्क : साकेतपुरी, आर. एन. कॉलेज फील्ड से पूरब, हाजीपुर (वैशाली), पिन : 844101 (बिहार) |

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