Sunday 9 February 2020

कैलिफोर्निया (अमेरिका) में विश्व हिंदी ज्योति द्वारा 8.2.2020 को पहली हाइकु कार्यशाला सम्पन्न

अमेरिका में लहराया हिन्दी हाइकु का परचम 
अमेरिका, हांग कांग, भारत आदि के अनेक साहित्यकार शामिल 
 हाइकु विशेषज्ञ विभा ने सिखाई हाइकु रचने की विधि

(हर 12 घंटों के बाद एक बार जरूर देख लीजिए- FB+  Bejod  /  इस पोस्ट पर -यहाँ कमेंट कीजिए  )



जनवरी की एक सफल गोष्ठी के उपरांत विश्व हिंदी ज्योति ने शनिवार  8 फ़रवरी 2020 को पहली बार हाइकु कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यक्रम अमेरिका के फ्रेमोंट हिंदू मंदिर, कैलिफोर्निया में स्थित सरस्वती भवन में सम्पन्न हुआ।

कार्यशाला में भारत से आयीं विभा रानी श्रीवास्तव, अरुण श्रीवास्तव, लता यादव, हांग कांग से आए अमीष श्रीवास्तव, निमिषा श्रीवास्तव एवं बे एरिया से नीलू गुप्ता, हेम प्रभा ओसवाल, शोनाली श्रीवास्तव, महबूब श्रीवास्तव, माया शेनॉय श्रीवास्तव, मंजु मिश्रा व मनीष श्रीवास्तव ने भाग लिया।

भारत की हाइकु विशेषज्ञ विभा रानी श्रीवास्तव जी ने कार्यशाला का आरम्भ करते हुए सभी से अपनी हाइकु से सम्बंधित जानकारी सांझा करने का निवेदन किया। अधिकांश लोगों की जानकारी ५-७-५ तक सीमित थी। तत्पश्चात् विभा रानी श्रीवास्तव ने हाइकु के इतिहास एवं नियमों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। जिसके बाद सभी ने जाना की हाइकु कैसे भारत में लगभग १०० साल पहले रवींद्र नाथ टैगोर द्वारा लाया गया और कैसे इस विधा ने विभिन्न नियमों की वजह से भारत और ख़ासकर हिंदी में एक विशेष स्थान बनाया। श्रीमती विभा ने हिंदी में हाइकु लिखने वाले दिग्गज कवियों के बारे में भी जानकारी साझा की।

जलपान के लिए एक छोटा ब्रेक लिया गया और फिर सबने हाइकु लिखे जिनकी समीक्षा की गयी और समीक्षा के द्वारा समस्त भाग लेने वालों को हाइकु के नियम और अच्छी तरह समझ में आए। श्रीमती विभा ने भी अपने १-२ हाइकु पढ़ कर सुनाए और उन पर भी विचार-विमर्श किया गया। हांगकांग से आयीं निमिषा श्रीवास्तव जो कि जापानी भाषा में भी पारंगत हैं, ने १७वी शताब्दी के जापान के मशहूर हाइकुकार मत्सुओ बाशो का प्रचलित हाइकु “फूरू इके या, कावाज़ू तोबीकोमू, मीज़ू नो ओतो” सुनाया और उसके हिंदी एवं अंग्रेज़ी रूपांतरण पर चर्चा हुई। श्रीमती विभा ने इसी हाइकु के (प्रदीप दास जी द्वारा अनेकानेक भाषा के विद्वानों द्वारा कराए गए) विभिन्न भारतीय भाषाओं में किए गए अनुवादों को सुनाया। निमिषा एवं अमीष श्रीवास्तव हांग कांग में हिन्दी पाठशाला के माध्यम से हिंदी की शिक्षा एवं प्रसार कर रहे हैं।

अंत में, आने वाले महीनों में विश्व हिंदी ज्योति होली-पिकनिक एवं लघुकथा कार्यशाला आयोजित करने पर चर्चा हुई। ओर इसी के साथ आज की हाइकु कार्यशाला सम्पन्न हुई।

सम्पन्न कार्यक्रम के संबंध में साहित्यप्रेमियों द्वारा दिये गए विचार- 

मंजू मिश्रा - ३ घंटे की यह कार्यशाला सही मायने में हाइकु कार्यशाला थी जिसमें सिर्फ़ हाइकु पर बात हुई। धैर्य के साथ हाइकु की संरचना, नियम एवं विधान पर बात हुई। बहुत से संशय दूर हुए। 

लता यादव, दिल्ली - सफल व अनुशासित आयोजन, बहुत ही कम समय में सुन्दर जानकारी मिली। मुझमें पुनः साहस का संचार हुआ।नवीन ऊर्जा के साथ नवीन विधा सीखने का निरंतर प्रयास करती रहूंगी।
रसरी आवत जात--- पड़त निसान

उपेंद्र, अमेरिका -  विभा जी जिस प्रकार हाइकु विधा के नियम और अनुशासन को लेखकों के मन मस्तिष्क में स्थापित कर रही हैं वह इस विधा के मूल स्वरूप को सुरक्षित  रखने एवं और मशीनगन हाईकुकारों की उत्पत्ति को सीमित करने वाला पुण्य काज है
(हाइकु के बारे में जानिये विभारानी श्रीवास्तव से - वीडियो - यहाँ क्लिक कीजिए / 
हाइकु पर अन्य रपट के लिए - यहाँ क्लिक कीजिए )

......
रपट का आलेख - मनीष श्रीवास्तव  
परिचय - उपाध्यक्ष, विश्व हिंदी ज्योति
पता - बे एरिया, कैलीफोर्निया (अमेरिका)
संयोजन - विभा रानी श्रीवास्तव 
प्रस्तुति - हेमन्त दास 'हिम'
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@gmail.com
प्रतिक्रिया ब्लॉग के वेब वर्शन में सबसे नीचे दिये गए Contact Form में भी दे सकते हैं जो जोड़ दी जाएगी.





3 comments:

  1. विभा रानी श्रीवास्तव 'दंतमुक्ता'12 February 2020 at 11:51
    श्रम साध्य कार्य हेतु साधुवाद
    हार्दिक आभार आपका


    ReplyDelete
    Replies
    1. हौसला बढ़ाने हेतु आपका आभार.

      Delete
  2. https://commentsbejodindia.blogspot.com/2020/02/blog-post.html -कोई भी मित्र इस लिंक पर कमेंट कर सकते हैं इस पोस्ट के 7 दिनों के अंदर. उसके बाद वो editorbejodindia@gmail.com पर ईमेल भेजकर या यहाँ (वेब वर्शन में) नीचे दिए गए Contact Form के द्वारा कर सकते हैं.

    ReplyDelete

Now, anyone can comment here having google account. // Please enter your profile name on blogger.com so that your name can be shown automatically with your comment. Otherwise you should write email ID also with your comment for identification.