आओ जि़न्दगी से चुराएं कुछ पल
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कार्यक्रम में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम भी लोगों ने पेश किये व हिंदी का महत्व पर कविता व लेख आदि. इस बार कार्यक्रम केमुख्य अतिथि थे महेश राजा ( लघुकथा कार ), विशिष्ठ अतिथि थे ठाकुर अखंड प्रताप सिंह और मुकेश कुमार व्यास “ स्नेहिल ( कवि एवं वक्ता ).समारोह के अध्यक्ष थे सुनिल दत्त ( अभिनेता , लेखक ) छत्तीसगढ. अन्य आमंत्रित अतिथि थे संतोष साहू ( पत्रकार ) श्रीवल्लभ अम्बर, श्रीराम रॉय - शिक्षक , झारखंड सरकार और आशा जाकड (अध्यक्ष - अं हिंदी परिषद ). कार्यक्रम दो सत्रों में हुआ.
पहले सत्र का संचालन,अलका पाण्डेय- मुम्बई और चंदेल साहिब:- हिमाचल एवं प्रतिभा कुमारी पराशर बिहार ने किया जबकि दूसरे सत्र का विजेन्द्र मेव जी- राजस्थान, सुरेंद्र हरड़े जी-नागपुर, शोभा रानी तिवारी जी एवं: अलका पाण्डेय ने.
अग्निशिखा के संग काव्य के रंग*का 56वाँ कार्यक्रम, समय - शाम 4 बजे से१० बजे तक चला. इस दिन के निर्णायक थे प्रो. शरद नारायण खरे मंडला, डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव. समीक्षा एवं आभार, संजय कुमार मालवी आदर्श के द्वारा किया गया.
अलका पाण्डेय ने कहा कि हिंदी के प्रयोग करनेवाले क्षेत्र का जब विस्तार होगा और हिंदी में अधिकाधिक रोज़गार जिस दिन मिलने लगेगा उस दिन हिंदी बहुत सशक्त भाषा बन जायेगी. हमें पहले हिंदी के विस्तार पर ही काम करना होगा. सभी अतिथियों ने सार्थक बातें व व्यक्तव्य दिया.
लो दोस्तों आ गई है होन घड़ी मेरे जोन्न दी।
जे कदे भूली बिसरी याद आवे मेव ज जेह इंसान दी।
-विजेन्द्र मेव "भाईजी"राजस्थान
अकेले हैं हम इस जग की भीड़ में
चले आओ ना पवन बनकर
कुछ देर बैठो पास हमारे एहसास बनकर
- डॉ. दविंदर कौर होरा
" हिन्दी भाषा प्रेम की
सहज समझ आ जाए
बोलन में मीठी लगे
सुनने में ललचायें
-सुरेन्द्र हरडे नागपुर.
छंद, मक्तक, गितीका से,
काव्य रचना करने लगी,
चुराया है जीन्दगी से दो पल
खुद के लिए।
चलो करते है कुछ काम अपने उस आने वाले कल के लिए ।
- बृजकिशोरी त्रिपाठी गोरखपुर, यू,पी
आओ जि़न्दगी से चुराएं कुछ पल
कुछ अच्छा करते हैं आएगा कल
चलो अग्निशिखा में चल कर
धूम मचाएँ,नाचें गाएं,मौज मनाएं
कजरी गाएं हंसी ठिठोली करें
और सुकून के ढूंढ लाएं हजा़र पल
-डा अंजुल कंसल"कनुप्रिया"
कल तक जो था बेपरवाह
आज वो जिम्मेदार हो गया है
मेरा लाल देखते -देखते
मेरा पहरेदार हो गया है
-मीना गोपाल त्रिपाठी
मैं हूँ आशा
मैं आशा जगाती हूंँ
सोतों को जगाती हूं
नाम है मेरा आशा
उन्हें आशा दिलाती हूँ
-आशा जाकड़, अध्यक्ष जिला इंदौर
बहुत बहुत धन्यवाद हेमंत जी
ReplyDeleteबहुत सुंदर रिपोर्ट शुक्रिया
सफल कार्यक्रम हेतु बधाई।
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