पत्थर के नगरों में बसेंगे पत्थर के इंसान
विषय थे- लोरी, शहरी करण पर प्रहार , तथा पत्नी का पति पर प्रहार
कोरोना महामारी के कारण दो माह से अधिक समय तक चले आ रहे लॉकडाउन ने रोगियों की वृद्धि दर पर तो लगाम लगाया ही, साथ ही साथ साहित्यिक उत्पादन दर में उल्लेखनीय उछाल लाने में भी सफलता पाई।
अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच का ऑनलाइन कवि सम्मेलन बहुत सफल रहा जिसमें कुल मिलाकर 95 प्रतिभागी सम्मिलित हुए यदि अतिथिगण को भी जोड़ लिया जाए तो 100 से ऊपर थे।
इस वजह से इस कार्यक्रम को दो सत्रों में रखा गया. पहला सत्र 4 बजे से 6 बजे तक दूसरा 6:15 से 8:15 तक।
अब साप्ताहिक चल रहे इस कार्यक्रम का 7.6.2020 रविवार को 45 वाँ दिवस था औऱ विषय तीन निर्धारित किए गए थे:- लोरी, शहरी करण पर प्रहार , तथा पत्नी का पति पर प्रहार-हास्य रस, जिन पर यह पर आयोजित किया गया।
मंच की अध्यक्ष अलका पाण्डेय ने बताया कि लाकडाऊन और कोरोना जैसी महामारी के दौर में यह जरुरी था की हमारी सोच को हम सकारात्मक रखे व समय का सदुपयोग करे । एक रचनाकार को लिखने से अच्छा और काव्यपाठ से अच्छा और भला क्या ! बस इस लिये विभिन्न विषयों पर रोज़ काव्य सम्मेलन किया जा रहा था! अब जब लाकडाऊन कुछ कुछ ढीला हो रहा तो हर रविवार ४ से ७ / तक कर दिया है ! और घर रहकर देश विदेश में बैठे साहित्यकारों को भी एक मंच पर लाना हिंदी साहित्य का प्रचार प्रसार नित्य नया सृजन और नये साहित्यकारों को भी अवसर देना।
अब साप्ताहिक चल रहे इस कार्यक्रम का 7.6.2020 रविवार को 45 वाँ दिवस था औऱ विषय तीन निर्धारित किए गए थे:- लोरी, शहरी करण पर प्रहार , तथा पत्नी का पति पर प्रहार-हास्य रस, जिन पर यह पर आयोजित किया गया।
मंच की अध्यक्ष अलका पाण्डेय ने बताया कि लाकडाऊन और कोरोना जैसी महामारी के दौर में यह जरुरी था की हमारी सोच को हम सकारात्मक रखे व समय का सदुपयोग करे । एक रचनाकार को लिखने से अच्छा और काव्यपाठ से अच्छा और भला क्या ! बस इस लिये विभिन्न विषयों पर रोज़ काव्य सम्मेलन किया जा रहा था! अब जब लाकडाऊन कुछ कुछ ढीला हो रहा तो हर रविवार ४ से ७ / तक कर दिया है ! और घर रहकर देश विदेश में बैठे साहित्यकारों को भी एक मंच पर लाना हिंदी साहित्य का प्रचार प्रसार नित्य नया सृजन और नये साहित्यकारों को भी अवसर देना।
हर बार नया विषय होता है । इस बार के कविसममेलन प्रथम सत्र में मुख्य अतिथि- सेवा सदन प्रसाद (वरिष्ठ लघुकथा कार) निर्णायक - डा. अंरविद श्रीवास्तव असीम। मंच संचालन - डॉ अलका पाण्डेय, डॉ प्रतिभा कुमारी पराशर, चंदेल साहिब (बिलासपुर हिमाचल) थे। माँ शारदे की वंदना की पदमा तिवारी ने, आभार मधु वैष्णव ने किया। उसके बाद कोरोना योद्धाओं का सलामी दी व कार्यक्रम को शुरु किया।
दूसरे सत्र के मुख्य अतिथि- डॉ सुशीला जी ( लेखिका) निर्णायक - डॉ रामस्वरुप साहू ( वरिष्ठ साहित्यकार) मंच संचालक - शोभा रानी तिवारी , जनार्दन शर्मा , रिशू पाण्डेय, अलका पाण्डेय, चंदेल साहिब ने किया!
अध्यक्ष अलका पांडेय के द्वारा प्रस्तुत पंक्तियाँ थीं-
"प्रकृति का करने लगे विनाश
धरा के लिये बना है अभिशाप !
ख़त्म कर रहे है देखो हरियाली
धधक रही है सूरज की प्याली !
चंदेल साहिब*बिलासपुर* *हिमाचल प्रदेश* कहते हैं -
मुझे नहीं भाता ये दुनिया का संगीत
प्यारी सी मीठी सी लोरी चाहता हूँ
माँ के आँचल में सोना चाहता हूँ
रानी नारंग कहती हैं -
शहरों की बढ़ती आबादी जगह नहीं है रहने को
सीमेंट की इमारतें यहां और सड़कें कंक्रीट की
शकुंतला (पावनी ), चंडीगढ़।कहती है -
धरा हमारी अनुपम, अद्भुत
सुंदर बहुत है इसका रूप,
डॉ.पुष्पा गुप्ता, मुजफ्फरपुर बिहार से लिखती हैं -
चंदा लोरियां सुनाए
हवा झुलना झुलाए
रानी निंदिया सुलाए
मेरे लाल को ~~~
शेखर तिवारी आबूदावी कहते है
कोई अगर बेरुखी से भरा हो तो,
उसके आगे आंसू बहाने की, जरूरत क्या है।।
रागनी मित्तल -कटनी -
चांद होता है जिससे रोशन वो चांदनी हूं।
आग दरिया में लगा दे मै वो दामिनी हूं।
सुना है आपके दिल में भी बजती सरगम
डॉ. दविंदर कौर होरा इंदौर- का कहना है -
- मां की चुनर में महक ममता की होती है
मां की लोरियों में बेटी परी ही होती है |
पद्माक्षी शुक्ल, पुणे से कहती हैं -
ये सप्तरथक की आये सवारी,
रंगोसे भर दे ,बादल की क्यारी,
किरणों से छाये धरती सारी,
मुझे लगती, भोर प्यारी
संजय कुमार मालवी (आदर्श) इंदौर. से कहते है -
आज प्यासे अधरों पर
बारिश की पहली बून्द पड़ी है
मंजुला अस्थाना महंती -
भुवनेश्वर ओडिशा का कहना है "शहरीकरण
ऊँची ऊँची इमारतें बड़े बड़े मकान
बेहद खूबसूरत औ बड़े आलीशान
ऐसा भी वक्त आयेगा क्या था ज्ञान किसी को
पत्थर के नगरों में बसेंगे पत्थर के इंसान।
सिद्धार्थ तलवरे ...
बड़ी ही खूबसूरत शाम थी, वो तेरे साथ की,
अब तक खुशबू नही गई, मेरी कलाई से तेरे हाथ की...
सुरेन्द्र हरडे- नागपुर कहते है
फुलों सा मन, च़ंदन सा तन,।
काया है कंचन।
डा. महतब आज़ाद का कहना ..
जब से रहा न साथ तेरा जिंदगी के साथ!
दिल का सुकूँ भी खो गया लब की हंसी के साथ!
डॉ मीना कुमारी परिहार 'पटना से कहती है
चांदनी रे झूम
अंखियों में छोटे-छोटे सपने सजाके..
बहिनों में झूले मेरी बिटिया रानी...
सबने बहुत सुंदर रचना प्रस्तुत की सात घंटे चले इस कार्यक्रम के प्रतिभागी थे -
अंकिता सिन्हा, सुनीता चौहान हिमाचल प्रदेश, मंजुला वर्मा हिमाचल प्रदेश, द्रोपती साहू छतीसगढ़, डॉ गुरिंदर गिल, सीमा दुबे सांझ, सुषमा शुक्ला इंदौर, सुनीता अग्रवाल मध्यप्रदेश, पुष्पा गुप्ता बिहार, मंजुला अस्थाना महंतीमदन मोहन शर्मा (कोटा) शुभा शुक्ला रायपुर , संजय कुमार मालवी इंदौर, अख़्तर अली शाह म.प्र. दमा ओजेंद्र तिवारी दमोह प्रतिभा द्विवेदी मुस्कान म. प्र. रागिनी मित्तल, सुरेंद्र कुमार उपाध्याय झारखंड मीना कुमारी परिहार पटना, दीपा परिहार ,इंद्राणी साहू साँची , ओमप्रकाश पांडेय, डॉ रश्मि शुक्ला प्रयाग राजकल्पना भदौरिया स्वप्निल ) डॉ नेहा इलाहाबादी मुन्नी गर्ग, गोवर्धन लाल बघेल स्मिता धिरासरिया बरपेटा मीना गोपाल त्रिपाठी म.प्र. वंदना रमेश चंद्र शर्मा देवा मनीषा व्यास, डॉ लीला दीवान डॉ अंजुल कंसल कनुप्रिया सुषमा शुक्ला इंदौर शेखर राम कृष्ण आबूधाबीसुनीता अग्रवाल उपेंद्र अजनबी गाजीपुर डा. महताब आजाद त्तर प्रदेश हीरा सिंह कौशल हिमाचल प्रदेश डॉ धारा बल्लभ पांडेय अल्मोड़ा पद्माक्षी शुक्ल "पुणे गजेंद्र कुमार घोघरे सेवा सदन प्रसाद अरविंद श्रीवास्तव" चंदेल साहिब" बिलासपुर हिमाचल प्रदेश प्रतिभा कुमारी पराशर" विष्णु असावा बदायूँ ज्योति भाष्कर सहरसा बिहार संजय कुमार मिश्र अणु (बिहार) डॉ उषा पांडेय कोलकाता समुंदर सिंह हसपुर डॉ उषा पांडेय कोलकाता समुंदर सिंह हसपुरा बिहार आचार्य सूर्य प्रसाद रायबरेली अर्चना पाठक अम्बिकापुर दिनेश शर्मा इंदौर अनिता शरद झा अलका जैन आंनदी मुंबई कमल कालू दहिया ज्ञानेश कुमार मिश्रा रामेश्वर प्रसाद मुंबई चन्द्रिका व्यास शीला कुमारी झारखंड गणेश रामदास निकम महाराष्ट्र गरिमा जी लखनऊ शोभा रानी तिवारी, कवि आनंद जैन अकेला कटनी मीरा भार्गव सुदर्शना कटछ गनराज राव , दीप जोधपुर कल्पना भदौरिया स्वप्निल कांता अग्रवाल, आशा जाकड़ सावित्री तिवारी दमोह रविशंकर कोलते नागपुर विजया बाली जोधपुर) रजनी अग्रवाल जोधपुर उध्दव समिन्द्रे महाराष्ट्र सुरेंद्र हरडे कवि नागपुर गीता पांडेय बेबी जबलपुर प्रिया उदयन केरला , वैष्णो खत्री जबलपुर ज्योति जलज हरदा रेखा पांडे रीत, डॉ नीता श्रीवास्तव वसई डॉ साधना तोमर कवि शरद अजमेरा वकील भोपाल सुरेंद्र कुमार जोशी देवास डॉ संगीता पाल- कच्छ" मधु वैष्णव मान्या जोधपुर" "जनार्दन शर्मा आशु कवि" रिशू पाण्डेय डॉ सुशिला पाल डॉ रामस्वरुप साहू।
सब ने एक दूसरे को सुना व सराहा निर्णायकों ने स्पष्ट टिप्पणी दी सबको बहुत कुछ सीखने व समझने को मिलता है। इस कार्यक्रम की विशेषता है कि कोई छोटा बड़ा नही सब एक-दूसरे से से सीखते हैं व कुछ बताया करते है।
और इस तरह से सौहार्दपूर्ण माहौल में कार्यक्रम का सपापन हुआ।
और इस तरह से सौहार्दपूर्ण माहौल में कार्यक्रम का सपापन हुआ।
....
रपट की लेखिका - डॉ अलका पाण्डेय
लेखिका का ईमेल आईडी - alkapandey74@gmail.com
प्रतिक्रिया हेतु इस ब्लॉग का ईमेल आईडी - editorbejodindia@gmail.com
अलका दीदी को बहुत बहुत बधाई जी हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🌹🙏
ReplyDeleteधन्यवादल
Deleteबहुत सुंदर न्युज
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद।
Deleteबहुत सुंदर संचालन, प्रस्तुतियां और आंनद प्रतिभागी बनाने का और साथियों को सुनने का
ReplyDelete