Friday 21 December 2018

बिहार हिंदी साहित्य सम्मलेन के शताब्दी समारोह 17.12.2018 को पटना में मनाया गया

राज्यपाल के हाथो पुस्तकों का  लोकार्पण और पल्लवी विश्वास द्वारा 'यशोधरा' का मंचन भी 

कार्यक्रम का विडियो देखिये- यहाँ क्लिक कीजिए



बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन का सौवां स्थापना दिवस का उद्घाटन समारोह 17.12.2018 को कदमकुआं पटना स्थित सम्मलेन के विशाल भवन में  मनाया गया। इस शताब्दी समारोह का उद्घाटन बिहार के महामहिम श्री लाल जी टंडन जी ने किया।

बिहार में साहित्यिक गतिविधियों के प्रचार प्रसार हेतु एक सौ साल पहले गठित यह संस्था जिसके अध्यक्ष भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद रह चुके हैं, ऐतिहासिक होने के साथ साथ आज भी सरकार द्वारा अनेक प्रकार के महत्वपूर्ण साहित्यिक कार्यों हेतु प्राधिकृत है। इसका इतिहास विभिन्न कालों में अनेक शिखरों और गर्तों से होकर गुजरा है। शिवपूजन सहाय, फनीश्वरनाथ रेणु जैसे शीर्षस्थ साहित्यकार इससे गंभीरतापूर्वक जुड़े रहे हैं। कदमकुआं, पटना में विशाल प्रांगन में अपने विशाल सभागार वाली यह संस्था कई बार अनेक प्रकार के अवरोधों के कारण गतिहीन भी पड़ी। किन्तु सभी बाधाओं को पार करते हुए साहित्य को समर्पित यह संस्था विगत अनेक वर्षों से काफी सक्रिय रही है यह एक बड़ी बात है।  

"विधा वाचस्पति 'की मानक उपाधि से साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ.अनिल सुलभ ने विभूषित किया। ग्यारह विद्वानों को भी राज्यपाल ने भी सम्मानित किया। बिहार हिंदी साहित्य सम्मलेन के इस ऐतिहासिक समारोह में  बिहार के लेखकों द्वारा रचित कई पुस्तको का लोकार्पण भी हुआ।अनेक कवि और कवयित्रियों ने इस गौरवशाली अवसर पर काव्य पाठ करने का यादगार अवसर पाया।

लोकगायिका और कवयित्री सरोज तिवारी ने मंगलाचारण प्रस्तुत कर पूरे वातावरण की पावनता में श्रीवृद्धि की। 'यशोधरा' का नाट्य मंचन बिहार की प्रतिभाशाली नृत्यांगना पल्लवी विश्वास के नेतृतव में हुआ जिसे लोगों ने खूब सराहा। अपनी मखमली आवाज के लिए जाने जाने वाले  गजलकार शंकर प्रसाद ने कुशलातापूर्वक मंच सञ्चालन किया। 

धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ साहित्यकार और साहित्य सम्मेलन के प्रधानमंत्री डाॅ शिववंश पांण्डेय  ने किया।

पूरे बिहार के अनेकानेक जिलों से आये गणमान्य लोगो की उपस्थिति से हाॅल खचाखच भरा था। वक्ताओं के ओजस्वी भाषण से हिंदी की छटा निखर रही थी।

 महामहिम राज्यपाल बिहार श्री लाल जी टंडन के कर कमलों से निम्नलिखित पुस्तकें वृहद् साहित्यिक जगत को अर्पित की गईं -
डाॅ शिववंश पांण्डेय की पुस्तक--" भाषा साहित्य विमर्श,साहित्य धर्म और संस्कृति
श्रीमती पूनम आनंद की काव्य संग्रह -'अर्णव'
योग्रेन्द्र प्रसाद 'मिश्र'--वेदांत हिंदी पधागम'
डाॅ अर्जुन सिंह-"सहज गीतामृत और अष्टावक्र गीत 

बिहार के राजगीतकार सत्यनरायण, समीक्षक खग्रेन्द्र ठाकुर, बागवान क्लब अध्यक्ष श्री श्याम जी सहाय, ,महेश्वर ओझा , डाॅ शिवदास पाण्डेय, डाॅ बसंत, डाॅ परमेश्वर भक्त आदि राज्यपाल के हाथो सम्मानित हुये।
.......

आलेख- पूनम आनंद 
छायाचित्र सौजन्य - पूनम आनंद एवं आराधना प्रसाद 
प्रस्तुति - हेमन्त दास 'हिम'
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल आईडी - editorbejodindia@yahoo.com

नोट- इस कार्यक्रम पर और चित्र और जानकारियाँ "बिहार हिंदी साहित्य सम्मलेन" शीर्षक के साथ इस ईमेल पर भेजें - editorbejodindia@yahoo.com






















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