Tuesday, 18 December 2018

'जनशब्द' के तत्वावधान में सुजीत वर्मा के काविता संग्रह "धरती है उधार की' का लोकार्पण 16.12.2018 को पटना में संपन्न

साहित्यकारों के बीच पर्यवारणविद ने भी अपने विचार रखे
अंग्रेजी उपन्यास के बाद सुजीत वर्मा की हिंदी में पहली एकल कृति 



दिनांक 16.12.2018 को टैगोर एडुकौंस,ए.एन. कालेज के सामने,बोरिंग रोड, पटना के सभा कक्ष में तथा साहित्यिक संस्था "='जनशब्द' के तत्वावधान में,हिन्दी और अंग्रेजी के सुपरिचित कवि सुजीत वर्मा के सद्यः प्रकाशित कविता-संग्रह " धरती है उधार की " का लोकार्पण किया गया.

ध्यातव्य है कि श्री वर्मा की अंग्रेजी में अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें से उनका उपन्यास "वाकिंग ऑन दी ग्रीन ग्रास" अंग्रेजी की देसी शैली के लिए खासा चर्चित भी रहा है. उनकी एक अन्य पुस्तक है- "सेंसुअलिटी, सेक्सुअलिटी एंड साल्वेशन". (दोनों के लिंक नीचे देखें)

आयोजन की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि श्री प्रभात सरसिज ने की तथा संचालन सुचर्चित कवयित्री रानी श्रीवास्तव ने किया. इस अवसर पर डा. शिवनारायण, प्रो.सफ़दर इमाम क़ादरी,शैलेश्वर सती प्रसाद और श्रीराम तिवारी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित होकर आयोजन को गरिमामंडित किया.

लोकार्पित कविता-संग्रह की कविताओं पर श्रीराम तिवारी, शैलेश्वर सती प्रसाद, प्रो.सफ़दर इमाम क़ादरी, डा. शिवनारायण, प्रभात सरसिज,राजकिशोर राजन, और पर्यावरण वैज्ञानिक डा.आलोक श्रीवास्तव ने अपना समीक्षात्मक वक्तव्य प्रस्तुत किया.

तदूपरांत श्री सुजीत वर्मा ने कविता-संग्रह की रचना प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए संग्रह की कुछ चुनिंदा कविताओं का पाठ किया.

काव्य पाठ का दूसरा सत्र श्रीराम तिवारी की अध्यक्षता,डा. शिवनारायण और विनय कुमार सिंह की विशिष्ट उपस्थिति एवं रानी श्रीवास्तव  के संचालन में प्रारंभ हुआ जिसमें श्रीमती पुष्पा जमुआर, सुधा सिन्हा, पूनम सिन्हा श्रेयसी, लता प्रासर, रानी श्रीवास्तव आदि कवयित्रियों और श्रीराम तिवारी, डा.शिवनारायण, प्रभात सरसिज, मधुरेश नारायण, हरेन्द्र सिन्हा, राजकिशोर राजन,शहंशाह आलम,नरेन्द्र कुमार,अस्मुरारीनन्दन मिश्र,एम.के.मधु,अरुण कुमार वर्मा आदि कवियों के अलावा घनश्याम ने भी काव्य पाठ किया.

अंत में बरियारपुर, मुंगेर से पधारे  विनय कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
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आलेख- घनश्याम 
छायाचित्र- जनशब्द
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल- editorbejodindia@yahoo.com
For report  on the book-release of Sri Sujit Verma's English novel- Click here
For preface (in English, हिंदी and मैथिली) on Sri Sujit Verma's book - Sensuality, Sexuality and Salvation - Click here


















  


























  








2 comments:

  1. सुन्दर रिपोर्टिंग.बहुत बहुत धन्यवाद!

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