Thursday 27 December 2018

भागलपुर के रंगकर्मी चैतन्य प्रकाश को मिला थियेटरवाला युवा सम्मान / आलय, भागलपुर द्वारा नाटक "कोर्ट मार्शल" का मंचन 26.12.2018 को संपन्न

अफसर की हत्या की परतों को खोलता हुआ नाटक 





कालिदास रंगालय,  पटना  में रंग मार्च पटना द्वारा वरिष्ठ रंगकर्मी अजित गांगुली की स्मृति में ‘थियेटरवाला नाट्योत्सव, 2018’ का चार दिवसीय आयोजन का उद्घाटन आज वरिष्ठ निर्देशक संजय उपाध्याय, बिहार संगीत नाटक अकादमी के सचिव विनोद अनुपम, आमियनाथ चटर्जी,प्रदीप गांगुली, राजन कुमार सिंह ने समेकित रूप से किया। तत्पश्चात् इस वर्ष भागलपुर में सक्रिय युवा रंगकर्मी कुमार चैतन्य प्रकाश को थियेटरवाला युवा सम्मान से इनके कर-कमलों से सम्मानित किया गया।

 सभी आगंतुक अतिथियों ने इस आयोजन को महत्वपूर्ण बताया और रंग मार्च के रंगमंचीय उद्देश्यपूर्ण कार्य-प्रणाली की सराहना की। इस मौके आयोजक की ओर से राजन कुमार सिंह और नुपुर चक्रवर्ती ने श्री संजय उपाध्याय और श्री विनोद अनुपम को स्मृति-चिन्ह देकर सम्मानित किया।

नाट्योत्सव का पर्दा आलय, भागलपुर द्वारा 'कोर्ट मार्शल' के मंचन से उठा। स्वदेश दीपक के इस लोकप्रिय नाटक को भारतेन्दु नाट्य अकादमी लखनऊ से प्रशिक्षित युवा नाट्य निर्देशक कुमार चैतन्य प्रकाश के निर्देशन में नाटक की कसी हुई प्रस्तुति दर्शकों को अंदर से झकझोर गई। 

जाति व्यवस्था की विसंगतियों को खुल कर चुनौती देता यह एक ऐसा नाटक है जो बिना किसी अत्युक्ति के ऐसी सही जगह प्रहार करता है कि सत्य एक दहकते हुए अंगारे की तरह उद्घाटित होता है। नाटक में सवार रामचंदर से अपने अफसर मोहन वर्मा की हत्या की है और कैप्टन बी डी कपूर पर जानलेवा हमला किया है इसलिए उसका कोर्टमार्शल किया जा रहा है। रामचंदर ने हत्या की है यह साबित तथ्य है लेकिन बचाव पक्ष के वकील विकास राय के लिए ज़रूरी यह है कि हत्या क्यों की गई, जब वह घटना की परते खोलता है तो दर्शक भी सोचने के लिए मज़बूर हो जाते हैं। 

नाटक का हर पक्ष कसा हुआ था। दृश्यबंध और और उसमें लाल, काले और हरे रंग के पर्दे का इस्तेमाल सेना के वास्तविक कोर्ट मार्शल का अहसास दे रहे थे। नाटक संवाद प्रधान है, भागलपुर के कलाकार मंझे हुए अभिनेताओं की तरह अपने संवादों से दर्शकों की तालियाँ बटोर रहे थे। कर्नल सूरत सिंह की भूमिका में शशिकांत अपनी संवाद अदायगी से दर्शकों को प्रभावित कर रहे थे। मेजर पूरी की भूमिका में रंजीत कुमार मिश्रा ने अपने किरदार के साथ न्याय किया, बचाव वकील कैप्टन विकास राय की भूमिका में स्वयं निर्देशक चैतन्य ने अपनी भूमिका से दर्शकों को भावुक कर दिया। 

सूबेदार बलवान सिंह के रूप में राहुल झा ने वास्तविक अभिनय किया, डॉक्टर गुप्ता के रूप में अपूर्व गौरव फिर से एक नए तेवर में थे, कर्नल ब्रजेन्द्र रावत के रूप में विक्रम अपनी भूमिका में खरे उतरे, कैप्टन बी डी कपूर की गुस्सैल भूमिका में आयुष प्रताप ने सबको प्रभावित किया, गार्ड की भूमिका में सूरज ने और संतरी के रूप में विकास कुमार ने अनुशाषित जवान के रूप में अभिनय किया, सलाहकार जज के रूप में गौतम आनंद सराहे गए। जज एडवोकेड के रूप में मोहम्मद शहादत थे, मुख्य अभियुक्त रामचंदर के रूप में आशीष कुमार का रुदन सबको हिला गया। मंच परे कार्य में संगीत संचालन व मंच प्रबंधन का कार्य मिथिलेश आनंद, आलोक राज, वकार नवाज़, विक्रम थे। प्रकाश परिकल्पना विकास कुमार ने किया। मंच संचालन मृत्युंजय शर्मा ने किया।
.............
आलेख - बेजोड़ इंडिया ब्यूरो 
छायाचित्र सौजन्य - राजन कुमार सिंह 
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल आईडी - editorbejodindia@yahoo.com



No comments:

Post a Comment

Now, anyone can comment here having google account. // Please enter your profile name on blogger.com so that your name can be shown automatically with your comment. Otherwise you should write email ID also with your comment for identification.