कोनो बात बा विचार करी रऊआ जरूर
राष्ट्रीय कवि संगम की मुजफ्फरपुर जिला इकाई की ओर से "शरद काव्यांजलि" का आयोजन पारामाउंट कोचिंग सेंटर, कलमबाग रोड मुजफ्फरपुर में 16.8.2018 को संपन्न हुआ जिसमें बड़ी संख्या में कवि-कवयित्रियों ने भाग लिया. विनोद कल्पना संगीत महाविद्यालय की छात्राओं ने संगीत भी प्रस्तुत किया और सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई.
राष्ट्रीय कवि संगम के प्रांतीय अध्यक्ष एच पी वर्मा के साथ-साथ डॉ. कौशल किशोर ने भी इस तरह के आयोजन की खूब सराहना की.
राष्ट्रीय कवि संगम के बिहार प्रान्त के महासचिव अविनाश पाण्डेय ने लोकप्रिय हिंदी फ़िल्मी गीतों को संस्कृत में अनुदूत रूप में सुनाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया. अमीर हमजा ने जब हास्य रस की कवितायेँ सुनाई तो लोग हंसी के ठहाके लगाते नजर आये-
उसको दिल लगाने का भी मन हो गया
मैं भी उसके प्यार में मगन हो गया
शोर है बहुत पर मिलता ही नहीं
लगता है मेरा प्यार काला धन हो गया
"एक मिसरा प्यार वाला चाहिए" को जब ग़ज़ल में जहानाबाद के सागर आनंद ने सुनाया तो युवाओं के चहरे खिल उठे. बिहार शरीफ के मनीश रंजन ने अपनी कविता के माध्यम से किसानों की पीड़ा को अभिव्यक्त किया. जहानाबाद के राणा वीरेन्द्र सिंह ने ओजपूर्ण कविता पढ़कर युवाओं में जोश भर दिया.
महेश ठाकुर चकोर ने भोजपुरी में सुनाया-
कोयली के बोली बोलत बाटे कौवा जरूर
कोनो बात बा विचार करी रऊआ जरूर
इसी तरह कुंदन आनंद, अमृतेश मिश्र, कुमार आर्यन, सरफराज अहमद, हुसैन सलीम आदि अनेक कविगण अपने गीत और ग़ज़लों से श्रोताओं को झुमाते रहे. वीर रस का परिचय देते हुए प्रतोष कुमार ने कहा-
वीर रस का कवि हूँ मैं
जनमत की छवि हूँ मैं
बादलों के बीच रवि हूँ
मंच संचालन जाने माने युवा कवि कुंदन आनंद ने तथा धन्यवाद ज्ञापन आयोजक कोचिंग के संचालक रजनीश पाण्डेय ने किया.
.....आलेख- अमीर हमजा द्वारा भेजी गई सामग्री के आधार पर
छायाचित्र- राष्ट्रीय कवि संगम
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल आईडी - editorbejodindia@yahoo.com
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