'किताब' और 'सावन' विषयों पर बरसी काव्य सुधा
बेजोड़ इंडिया ब्लॉग के हेमन्त दास 'हिम' थे विशिष्ट अतिथि
यूं तो इस तीन महीने से चल रहे लॉक डाउन (जिसका हम भी समर्थन करते हैं) ने सबको अस्त व्यस्त करके रख दिया है पर साहित्यकारों को यह मंच पर न जा पाने की वजह से काफी खल रहा था। एक बेहतर रचना को कोई बेहतर आदमी ही सराह सकता है और इस मामले में अपने साहित्यानुरागी मित्रों से बढ़कर भला कौन होंगे? इसलिए अग्निशिखा मंच ने अपनी आभासी गोष्ठी की मशाल जलाई और देखते देखते 51 गोष्ठियां कर एक इतिहास रच दिया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर मुझे भी विशिष्ट अतिथि बनने का अवसर मिला जिस हेतु मैं इस संस्था का आभार प्रकट करता हूँ। विस्तृत रपट नीचे प्रस्तुत है।(-हेमन्त दास 'हिम')
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से पूरा विश्व प्रभावित हुआ है औऱ भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है यहां के लोग भी ४ महीनों से अधिक समय से घरों में कैद हैं जिससे हर तरह की सामाजिक गतिविधियां बंद हो गयी हैं। लोगों को सिर्फ़ औऱ सिर्फ़ सामाजिक दूरी का पालन करते हुए ही ज़रूरी कामों को करने की इजाज़त दी गयी है। ऐसे में लम्बे वक़्त से घरों में बंद लोग डिजिटल माध्यम से ही एक-दूसरे के संपर्क में हैं जो सुरक्षित और कारगर तरीका भी है। इस मुश्किल वक़्त में एक सराहनीय प्रयास किया है अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच मुंबई ने, जिसकी सरंक्षक अध्यक्ष हैं डॉ अलका पांडेय. इस कोरोना काल में अग्निशिखा मंच के द्वारा अभी तक कुल मिलाकर दिनांक 12.7.2020 को 51गोष्ठियों का समापन किया जा चुका है, जिसमें पहले तो 40 दिन लगातार हर रोज काव्य पाठ किया जाता रहा लेकिन बाद में लोकडाऊन ढीला पड़ने से इसको प्रत्येक रविवार को दो सत्रों में विभाजित कर दिया गया! अप्रैल से लेकर अभी तक 51 ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किये जा चुके हैं जो अभी भी जारी है। अलका पांडेय ने साहित्यकारों के साथ-साथ युवा रचनाकारों को भी लोगों से जुड़ने का मौका दिया है। जिसका जीता जागता है हिमाचल प्रदेश के युवा शायर कवि लेखक चंदेल साहिब।
अग्निशिखा काव्य मंच सामाजिक ,साहित्यिक संस्था की संस्थापक और आयोजक अलका पांडेय हैं। अलका का मानना है कि हर किसी को अपनी काबलियत साबित करने का मौका देना चाहिए जो उन्होंने अग्निशिखा मंच के द्वारा देश ही नहीं अपितु विदेशों में रह रहे भारतीयों को भी प्रदान किया।
आज का कार्यक्रम दो कारणों से सबसे हट कर, भव्य औऱ शानदार रहा, एक तो आज अग्निशिखा परिवार ने अपने 51 गोष्ठी कार्यक्रम पूरे किए जो कि हमारे हिंदू शास्त्रों के अनुसार भी बहुत बढ़िया व शुभता का अंक मन जाता है।
और दूसरा कारण आज के मुख्यातिथि थे!
मुख्य अतिथि -
1) हरि वाणी - कानपुर (वरिष्ठ साहित्यकार)
विशिष्ठ अतिथि -
२) हेमंत दास हिम - मुम्बई ( सम्पादक बेजोड़ इंडिया )
३) आशा जाकड ( साहित्यकार ) इंदौर
कार्यक्रम अंध्यक्ष -
पी एल शर्मा ( सम्पादक )
( अमृत राजस्थान )
अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच का 51वां ऑनलाइन कवि सम्मेलन भव्य उत्तम रहा! इस काव्य गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन संस्था की अध्यक्षा डॉ अलका पांडेय साथ में उनके अनुज चंदेल साहिब के द्वारा किया गया। मंच का संचालन अत्यंत प्रभावकारी और स्मरणीय रहा.
कार्यक्रम दो शत्रों में किया गया! पहले शत्र में संचालनकर्ता की भूमिका को मिलकर निभाया मुंबई से अलका पांडेय, हिमाचल के शायर चंदेल साहिब (विक्की चंदेल) औऱ मधुर आवाज की धनी प्रतिभा पराशर ने.
आज के मुख्य अतिथिगण -
हरि वाणी जी - कानपुर (वरिष्ठ साहित्यकार)
विशिष्ठ अतिथि-
२) हेमंत दास हिम - मुम्बई ( सम्पादक बेजोड़ इंडिया )
पी एल शर्मा:-अमृत राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार, आशा जाकड़ और सुनील मिश्रा एक्टर राइटर छतीसगढ़ ने काव्य पाठ के मंच की शान को चार चांद और लगा दिए.
दूसरे शत्र को संभाला अलका , जनार्दन शर्मा, सुरेंद्र कुमार शर्मा, शोभा रानी तिवारी ने, सह संयोजक की भूमिका कवि आनन्द जैन अकेला ने निभाई.
निर्णायक का दायित्व -
डॉ अरविंद जी ने बहुत खूबसूरती से निभाया, आभार का कार्य सफल हुआ संजय कुमार आदर्श मालवी केशव के मुख से औऱ *सरस्वती वंदना* की आशा जाकड़ व चंदेल साहिब हिमाचल प्रदेश से।
अलका पांडेय ने लिखा -
कभी प्यार से हंसाती
है किताबे
कभी दर्द से रुलाती
है किताबे कभी खौफ
से डराती है किताबे
कभी अनबुझी पहेली सी उलझाती है किताबे
हाँ हाँ किताबे
चंदेल साहिब ने फ़रमाया -
खुली क़िताब की तरह सँजो रखा है अपने दिल को साहिब
वही टूटे ख़ाब अधूरे जज़्बात औऱ पुराने ख़्यालात
इन्तेजार है उस वक़्त का जब- दोनों को मिलाएगी क़ायनात
श्रीहरि वाणी -
“पन्ने पन्ने बिखर गये “
अक्षर भी सब मौन रहे
पीड़ा की सीमा से आगे
कैसी पीड़ा, कौन सहे
अनहद में गीतों को रच देंं, ऐसे छन्द सवैया हों..
मैं पिंजरे का पँछी बेबस, तुम आजाद चिरैया हों...
हेमन्त दास 'हिम' -
बूढ़ों को गर्मी से राहत और जवां मन में हिलोर
बरखा से पनपी लहरों में युगल विवश रहा है।
लाख मुसीबत रहने पर भी सावन है तुष्टि का नाम
चाहे आलिंगन मिल रहा या विरह डंस रहा है
आशा जाकड़़ -
रिमझिम मेंहा बरसे अपने आंगन में बारिश की हम धूम मचावे सावन में
पेड़ों पर हम झूला डालें सखियों संग संग झूलेंगे
ऊंचे ऊंचे पैग बढ़ाकर कर गीतों के स्वर गूंजेगे
खुशियों के हम मृदंग बजावे उपवन में
श्रीमती अनिता शरद झा रायपुर छत्तीसगढ़ -
साँवरिया आये नहि
नैहर की रीत मोहें भायें नहीं
सैंया संग लागी हैं नज़रिया
सावन में बरसी बदरिया रे
साँवरिया आये नहीं
बह गई हैं सारी कजरिया रे
सवरियाँ आयें नहि
सुनीता चौहान हिमाचल प्रदेश -
बारिश की झमाझम बरसती बूंदे,
विरहा की अग्नि में घी का काम करती।
ऐसे में दीदार हो सजन तेरा तो,
मेरी अंतरात्मा भी भव सागर तरती।
मधु वैष्णव "मान्या",जोधपुर राजस्थान
माह सावन ,
महक रस धार,
छठा निराली।
रानी नारंग जोधपुर राजस्थान -
पहला अक्षर जब पढ़ना सीखा तो शब्दों से पहचान हुई
और शब्दों को जब गढ़ना सीखा तो किताबें मित्र हमारी खास हुई।
डा. महताब अहमद आज़ाद उत्तर प्रदेश -
सावन जब भी आता है!
तंहाई का एहसास कराता है!!
लौट आ रूठ के जाने वाले!
अकेला पन बहुत सताता है!!
कवि आनंद जैन अकेला कटनी मध्यप्रदेश -
सतरंगी वसुंधरा पर, फैली मोहक हरियाली है।
बहार श्रावणी व्याप्त हर तरफ, लगती छटा निराली है।
शोभारानी - तिवारी -
सावन आयो ये हो सावन आयो ये
उमड़ घुमड़ कर आई बदरिया
आसमान में छाए बदरिया
छम छम छम छम बिजुरिया चमके
तन मन को हर्षाए बदरिया
अश्मजा प्रियदर्शिनी पटना बिहार
आयो सावन मैं बांट निहारु।
आयो सावन मै बांट निहारु।
अमुवा की डाली पे झूला पड़गए।
राधा झूले कन्हैया झूला रए।
वंदना शर्मा बिंदु देवास -
ये रिमझिम झिमझिम रस बरसाता
बन जाता उत्सव है।
शकुंतला (पावनी ), चंडीगढ़ -
वो कौन थी
कांता अग्रवाल -
आकर मेरे सिरहाने
करने लगी मुझसे बात
मेरी किताब...
जनार्दन शर्मा -
चहु और प्रकृति बारीश की बूंदो के सामिप्य से मुस्काई,
सावन कि ऋतु आई,,,,,
कड़कती बिजली, और तेज बारिशो की फूहारो से ठंडी हवा आई घूम के,
आया सावन झूम के
प्रतिभागी थे -
1) मंजुला वर्मा हिमाचल प्रदेश
2)अंकिता सिन्हा जमशेदपुर
3) सुनीता चौहान हिमाचल प्रदेश
4)सुनीता अग्रवाल इंदौर मध्यप्रदेश
5)द्रोपती साहू सरसिज छत्तीसगढ
6)ज्ञानेश कुमार मिश्रा
7) गुरिंदर गिल मलेशिया
8) मधु वैष्णव जोधपुर
9) शोभा किरण,जमशेदपुर
10) इन्द्राणी साहू साँची छत्तीसगढ़
11)शेखर राम कृष्ण तिवारी
12) वैष्णो खत्री वेदिका
13)सुषमा शुक्ला इंदौर
14) शकुंतला (पावनी )
राज्य चंडीगढ़।
15) शुभा शुक्ला निशा
रायपुर छ्तीसगढ़
16)शोभा रानी तिवारी
17)दिनेश शर्मा
18)ज्योति जलज
19) सीमा दूबे साँझ
20)"पद्माक्षी शुक्ल, पुणे,
21) रामेश्वर प्रसाद गुप्ता, नवी मुंबई,
22) ओमप्रकाश पांडेय, खारघर नवि मुंबई
23) रागिनी मित्तल कटनी
24) अश्मजा प्रियदर्शिनी पटना
25)आनंद जैन अकेला कटनी
26) संजय मालवी आदर्श
27) प्रतिभा कुमारी पराशर
28)ऐश्वर्य जोशी कापरे
29) विजया बाली
30)चंदेल साहिब बिलासपुर
31) सुनील दत्त मिश्रा एक्टर डायरेक्टर छतीसगढ़
31)कान्ता अग्रवाल गुवाहाटी
32) डॉ. दविंदर कौर होरा,
33)रानी नारंग जी,
34) मुन्नी गर्ग
35) डॉ संगीता पाल कच्छ गुजरात
36)हीरा सिंह कौशल हिमाचल प्रदेश
37)माधवी अग्रवाल आगरा
38) डॉ पुष्पा गुप्ता मुजफ्फरपुर बिहार
39) डा. महताब अहमद आज़ाद
उत्तर प्रदेश
40) अलका पांडेय मुंबई
41)रजनी अग्रवाल जोधपुर
42) चन्दा डांगी
43) उपेंद्र अजनबी गाजीपुर उत्तर प्रदेश
44) प्रेरणा सेन्द्रे
45) अवतार कौंडल
46) ममता तिवारी इंदौर
47) छगनराज राव "दीप" जोधपुर
48) दीपा परिहार "दीप्ति" जोधपुर
49)ज्योति भाष्कर ज्योतिर्गमय (बिहार)
50) स्मिता धीरसरिया . बारपेटा रोड
51)पदमा ओजेंद्र तिवारी मध्य प्रदेश
52)डॉ रश्मि शुक्ला प्रयागराज
53) रविशंकर कोलते
54)सावित्री तिवारी दमोह
55)नीलम पांडेय गोरखपुर
56)मीना गोपाल त्रिपाठी
57)डॉ साधना तोमर बागपत
58)मीना कुमारी परिहार पटना
59) जनार्दन शर्मा आशूकवि
60)गीता पांडेय "बेबी" जबलपुर
61) वंदना शर्मा बिंदु देवास
62)डॉ लीला दीवान
63)रेखा पांडे
64) गोवर्धन लाल बघेल छतीसगढ़
65) डॉ राम स्वरुप साहू कल्याण
66)भरत नायक "बाबूजी"
लोहरसिंह, रायगढ़ (छ.ग.)
67) गरिमा लखनऊ
68)प्रिया उदयन, केरला
69) मीरा भार्गव सुदर्शना कटनी मध्यप्रदेश
70) सुरेन्द्र हरडे कवि नागपुर
71) आशा जाकड़ जी
72) मनीष कुमार सिंह गाजीपुर उत्तर प्रदेश
73) अनिता मंदिलवार सपना
74) डॉ नेहा इलाहाबादी दिल्ली
75) डाॅ0 उषा पाण्डेय
कोलकाता
76) वंदना श्रीवास्तव
77) अनिता शरद झा
78) डां अंजुल कंसल- इंदौर
79) अर्चना पाठक निरंतर
अम्बिकापुर
80)डॉ गुलाब चंद पटेल, गांधी नगर
81) कल्पना भदौरिया नाम
"प्रतिभा कुमारी पराशर"
82) विजयकांत द्विवेदी
83) निहारिका झा खैरागढ़
"84) डॉ अलका पांडेय मुंबई"
"85) चंदेल साहिब" बिलासपुर हि. प्र.
86) श्री हरि वाणी - कानपुर
87) श्री हेमंत दास हिम - मुम्बई
88) आशा जाकड - इंदौर
89) पी एल शर्मा जी - राजस्थान
90) अश्विन पाण्डेय
मंच की उत्कृष्टता इसी बात से जानी जा सकती है कि यहाँ कोई भी बड़ा या छोटा नहीं सब एक बराबर है, सब एक दूसरे को सहयोग करते प्रेरित करते मार्गदर्शन करते एवं सब ने एक दूसरे को सुना व सराहा, निर्णायकों ने शपष्ट टिप्पणी दी सबको बहुत कुछ सीखने को भी मिला!
अभी तक 51) वें कवि सम्मेलन तक 4600/से ज्यादा कवियों ने कविता पाठ कर एक कीर्तिमान स्थापित किया है! 'किताब' / 'सावन' जो इस बार के विषय थे उन पर खूब रंग जमा। सब ने एक दूसरे को सराहा और कई कवियों ने अपने काव्य पाठ से सभी को मंत्रमुग्ध किया। इसमें पूरे भारत औऱ विदेश में रह रहे भाई बहनों को भी एक पटल पर लाकर रखा। इतने लंबे अरसे से इस मंच ने एक परिवार की भांति सब को साथ जोड़े रखा तो इसका सारा का सारा श्रेय अग्निशिखा मंच को जाता है। तो इसलिए इस मंच की गरिमा औऱ शोभा बढ़ाने हेतू एक रचना कविता पाठ इसके नाम पर रखा गया, सभी रचनाकारों का यही मानना है की 51 वें कवि सम्मेलन तक के इतिहास में यह विषय सबसे उत्तम विषय रहा!
अगला आयोजन १९/७/२०२०का सम्मान समारोह होगा ।उसके बाद महिने में एक होगा क्योकि अब लाकडाऊन बहुत जगहों पर ढीला हो गया है ।
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रपट की लेखिका - डॉ अलका पाण्डेय
पता - मुम्बई
परिचय - अध्यक्षा, अग्निशिखा काव्य मंच
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