Wednesday, 19 August 2020

अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच द्वार 15.8.2020 को कवि सम्मेलन के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम सम्पन्न

विश्व शीर्ष पर सदा भारत विराजमान रहेगा

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मुम्बई अग्निशिखा के जश्न-ए-आजादी पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम राष्ट्रभक्ति से रंगा हुआ रहा. मुख्य अतिथि श्रीराम राय, समारोह अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा, विशिष्ट अतिथि  आशा जाकड और डॉ रश्मिनायर थीं.

संरस्वती वंदना पद्माक्षी शुक्ला व शोभारानी तिवारी ने की. मंच संचालन - डॉ अलका पाण्डेय, चंदेल साहिब, डॉ प्रतिभा परासर, विजेन्द्र मेव, सुरेश हेगड़े ने दो सत्रों में किया. ऑनलाइन इस कार्यक्रम के बारे में मंच की अध्यक्ष अलका पाण्डेय ने बताया की सबको तिंरगे के साथ रख कर काव्य पाठ व नृत्य या "74 वर्ष आजादी के बाद क्या खोया क्या पाया" पर मत देना था.

आठवीं क्लास की आद्रिका शर्मा ने सुदंर काव्यपाठ किया आबूदबी से शेखर तिवारी. मलेशिया से गुरविन्द्र गील यूएस से पूर्णिमा ने राष्ट्र ध्वाजा को सलामी दे देश को याद किया. ऐसा लग रहा था कि हम घर पर  ही वास्तविक कार्यक्रम का आन्नद ले रहे थे. पाँच घंटे कार्यक्रम चला सबने बहुत आनंद लिया देश भर के 90 लोगों ने भाग लिया.

मीना पराशर व रश्मि शुक्ला रानी अग्रवाल, सुषमा शुक्ला, अलका पाण्डेय ने नृत्य प्रस्तुत किया तो ढोलक थाप पर गोवर्धन लाल बंघेल  ने और गीत गया पूरी तरह तिंरगे की तरह बनकर  शुभा शुक्ला, साधना तोमर और गीता पाडेंय ने.

पढ़ी गई रचनाओं की एक झलक प्रस्तुत है - 

जागृति वशिष्ठ देहरादून - 
मगर न भूलो ये, 
इस आजादी में शहीदों की शहादत शामिल
न जाने कितनी मां के लालो का लहू शामिल

शुभा शुक्ला निशा, रायपुर, छत्तीसगढ़ - 
पंछी है बोल पाए कब
दर्द उसका है वहां ।

शेखर तिवारी -
ऐ वतन वतन मेरे आबाद रहे तू
मैं जहां रहूं जहां में याद रहे तू

स्मिता धीरसरिया, बरपेटा -
सफ़ेद शांति का धागा पहनूं
प्रेम का सुरमा लगाऊं
हरियाली की चादर ओढ़
 अमन शांति सबको सिखाऊं

पद्माक्षी शुक्ल -
हर आहट पे मां राह देख रही
सूनी गलियां अश्रु से, भिगोती रही,

ज्योति भाष्कर 'ज्योतिर्गमय', सहरसा (बिहार) -
हे पूज्य जननी, हे जन्मभूमि भारत
पतित-पावन-पुष्पित तेरे चरण हैं!
अमर-अतुल-अमिट इति आलोकित
लक्ष-लक्ष, कोटि-कोटि तुझे नमन है!
    
मीरा भार्गव सुदर्शना -
आजादी का जश्न मनाओ,  गीत शहीदों के गाओ ।
याद करो उन बलिदानों को,  वीरों को शीश नवाओ ।

मीना गोपाल त्रिपाठी -
देश की अस्मिता पर अब न कोई आंच होगी
विश्व शीर्ष पर सदा भारत विराजमान रहेगा
न जाएगा व्यर्थ अमर सपूतों का बलिदान
सदा अमर ये मेरा हिंदुस्तान रहेगा...
बात करें जो इतिहास के पन्नों की,
तो लहू से लिखे हुए दिखते हैं।
आजादी के संघर्ष को बयां करते,
अश्रु आँखों में नहीं टिकते हैं

सुनीता चौहान हिमाचल प्रदेश 
जांबाज सिपाही बंदूक तान
 देश की रक्षा कर रहे
भेज रही बहना रक्षा सूत्र
माथे चंदन टीका लगाया
भाई की सुरक्षा करे देश की रक्षा

डा अंजुल कंसल"कनुप्रिया" इंदौर मध्यप्रदेश -
तिरंगे में लिपट आए जो वीर
वह देश की शान है

सुरेश हेंगडे -
मै कारगिल पर लिख नही  पाया कविता
नहीं दे सका जवानों को शाबशी!

डाॅ.पुष्पा गुप्ता, मुजफ्फरपुर बिहार -
हे भारत के वीर सपूतों, तेरे ही कारण
आजाद है वतन 
भारत माँ के रणबांकुरे शत-शत तुम्हें नमन ...

रागिनी मित्तल, कटनी, मध्यप्रदेश -
1947 की वो आजादी याद है
भारत किन मूल्यों पर स्वतंत्र हुआ
 हमको बर्बादी याद है।

डा. महताब आज़ाद -
मेरे दिल पूरा यह अरमान हो
प्यारा तिरंगा मेरे कफन की शान हो!

जहा देश प्रेम की भावना हो,
अपने झंडे के प्रति सम्मान हो,
अपने देश के नियम कायदे कानून का पालन हो
अपने नागरिकों,बुजुर्गो के प्रति सदभावना हो,

संजय कुमार मालवी (आदर्श) -
,शहादत देने वालों की,
खून पसीना बहाने वालो की,
आजादी का सच्चा सम्मान,
तभी होगा उनका सार्थक बलिदान
*जय हिंद , जय भारत , वन्देमातरम
यह सबका अभिमान है
हा तभी होगा उनका सार्थक बलिदान ।

इसमें भाग लेनेवाले अन्य प्रतिभागी थे -शकुन्तला, वैष्णव खत्री, जनार्दन शर्मा, छगनराव, शरद नारायण खरे,  उपेन्द्र अजनवी, संजय माववी ने अंजूल कंसल सुनिता चौहान, मंजूला वर्मा, निक्की शर्मा, वंदना शर्मा, सुनिता अग्रवाल, मुन्नी गर्ग, विजया बाली, सिमा निगम, अर्चना पाडेंय, पदमा तिवारी अंजली तिवारी, रजनी अग्रवाल, लीला कृपलानी, ममता तिवारी, रानी नांरग, देवेन्द्र कौर, दिनेश मिश्रा आनंद जैन, ओमप्रकाश पांडेय, रामेश्वर प्रसाद गुप्ता, निलम खरे प्रेरणा सेन्द्रे, रेखा पाडेंय, मनोज बरनवाल, सुरेन्द्र परमार, ज्योति  ज्यतिगर्मय भाष्कर, अनिता झा, द्रोपदी साहू, रविशंकर कोलते, सुरेंद्र कुमार जोशी, रवि नारायण,डॉ अविनाशी, मीरा भार्गव किरण जागृति वशिष्ठ देहरादूनग, सिमा दुबे, रागनि मित्तल 7मीना गोपाल त्रिपाठी,  अनुपपुर (मध्यप्रदेश)  अरविंद कुमार, सुपौल बिहार  डॉ जनार्दन सिंह नीलम पाण्डेय गोरखपुर  ज्ञानेश कुमार मिश्र अजमेर  प्रतिभा द्विवेदी मुस्कान सागर, डाॅ0 उषा पाण्डेय, माधवी अग्रवाल आगरा, डॉ ज्योत्सना सिंह लखनऊ, अर्चना पाठक, पुष्पा गुप्ता, चंदा डागी अंकिता सिंहा सुनिल दत्त मिश्रा , ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी,, अश्मजा प्रियदर्शनी, डॉ महताब अहमद, ओजेन्द्र तिवारी , शोभा किरण,  विजय कान्त द्विवेदी आदि जिन्होंने बहुत  अच्छा प्रदर्शन किया. सभी ने घर बैठ कर आज़ादी का पर्व मनाया.
......

रपट की प्रस्तुति-  डॉ अलका पाण्डेय (मुम्बई)
प्रस्तोता का परिचय - अध्यक्ष- अ. भा, अग्निशिखा मंच
प्रस्तोता का ईमेल आईडी - alkapandey74@gmail.com
प्रतिक्रिया हेतु इस ब्लॉग का ईमेल आईडी - editorbejodindia@gmail.com




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