महेंदर मिसिर के गीतों में जिंदगी का फलसफा
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6 अक्टूबर की शाम 5 बजे वर्चुअल मीडिया के लोकप्रिय चैनल अचीवर्स जंक्शन पर पूरबी के सम्राट कहे जाने वाले महेंदर मिसिर की पुण्यतिथि मनाई गई जिसमें देश के जाने माने साहित्यकारों, पत्रकारों और गायकों ने अपनी बात रखी.
"महेन्दर मिसिर को इस दुनिया से गए 74 साल हो गए लेकिन उनकी प्रासंगिकता बढ़ती हीं जा रही है। उनके गीतों के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ता हीं जा रहा है। उनके जीवन की कहानी में लोगों की दिलचस्पी बढ़ती हीं जा रही है। आखिर क्यों ? क्योंकि उसमें जिंदगी का फलसफा है।'' उक्त बाते हिंदी-भोजपुरी के सुप्रसिद्ध रचनाकार भगवती प्रसाद द्विवेदी ने अचीवर्स जंक्शन के कार्यक्रम ''महेन्दर मिसिर के लोकरंग'' में उन्हें श्रद्धाञजलि देते हुए कहीं। उन्होंने आगे कहा कि भोजपुरी की अकादमियो को महेन्दर मिसिर पर गंभीरता से काम करने की जरुरत है।
भोजपुरी के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. ब्रजभूषण मिश्रा ने मिसिर जी के जेल और कोठे से जुडी अनेक अनकही कहानियां कही और बताया कि वह जीवन के प्रति कितने सकारात्मक थे। साथ हीं उन्होंने अचीवर्स जंक्शन के इस प्रयास और ऐसे प्रयासों की सराहना की।
युवा साहित्यकार जलज कुमार अनुपम ने खुलकर कहा कि साहित्य के कुछ गोपीचंदो ने भी महेन्दर मिसिर का नुकसान किया है। उन्हें उपेक्षित रखा है।
ऐसे अवसर पर सुप्रसिद्ध लोक गायिका विजया भारती और खाँटी माटी के गायक रामेश्वर गोप ने महेन्दर मिसिर के कालजयी गीतों को गाकर समा बाँध दिया। जहाँ विजया भारती ने अंगुरी में डंसले बिया नगिनिया रे '', से शुरू कर '' सासु मोरा मारे रामा'' और '' पातर-पातर गोरिया के पतरी सांवरिया '' सरीखे प्रेम और श्रृंगार के कई गीत गाये, वहीँ रामेश्वर गोप ने '' कान्हा ई का कइलs ''और '' सखी हो प्रेम नगरिया हमरो छूटल जात बा '' जैसे जीवन दर्शन और अध्यात्म को ऊंचाई देने वाले गीत गाये। इसी बीच सारेगामापा लिटिल चैंप्स फेम गुरु मनोहर सिंह भी जुड़े और मिसिर जी के हिंदी-भोजपुरी गीतों को अपने अंदाज में सुनाया।
कार्यक्रम का सञ्चालन करते हुए अचीवर्स जंक्शन के निदेशक और सुप्रसिद्ध कवि मनोज भावुक ने कहा कि हम अचीवर्स की कहानियां कहते हैं चाहे वह दिवंगत हों या लिविंग लीजेंड. चाहे वह पॉपुलर हों या अनसंग हीरो। महेन्दर मिसिर भोजपुरी क्षेत्र के ऐसे नायक हैं जिनकी कहानी को ठीक से कहने की जरुरत है और आज का कार्यक्रम उसी दिशा में एक कोशिश है। अचीवर्स जंक्शन ऐसा कार्यक्रम करता रहा है। वह भिखारी ठाकुर, मोती बीए और आचार्य पांडेय कपिल की कहानी कह चुका है और अपने पटल पर संचालित 14 कार्यक्रमों में अलग-अलग फॉर्मेट में विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों की कहानियां कहता हीं जा रहा है।
आभासी दुनिया के इस कार्यक्रम को दुनिया के अनेक देशों के दर्शकों ने देखा और सराहा।
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सुंदर रिपोर्ट।
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर अद्भुत कार्यक्रम। अत्यंत ही सराहनीय कदम।
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