गांधी जयंती पर विशेष
बापू की भूमिका में जावेद अख्तर खान |
(हिंदी छंदानुवाद नीचे)
देश की धरती मुक्त कराये, काटे सामाजिक बंधन
सच्चाई और सादगी के उस अजस्र स्रोत को नमन
जिनका हर दिन निवास है, हर देशवासी का मन
वो महात्मा गांधी-2.
अत्याचारी अंग्रेज से देशवासी सब तड़प रहे थे
जातिपात, साम्प्रदायिकता और छूआछूत के लफड़े थे
सत्याग्रह से शत्रु को भगा, किया प्रेम से अग्निशमन।
जिनका हर दिन निवास है, हर देशवासी का मन
वो महात्मा गांधी-2.
धन संचय कर निज पर नहीं जनता पर करें खरचे
आत्मनिर्भर हो गांव गांव, इस लिए कुटीर उद्योग, चरखे
हिंसा को जो दूर भगाये, बढ़ाये हिंदी का प्रचलन।
जिनका हर दिन निवास है, हर देशवासी का मन
वो महात्मा गांधी-2.
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कवि- हेमन्त दास 'हिम'
ईमेल - hemantdas2001@gmail.com
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल आईडी - editorbejodindia@gmail.com
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