कुछ ऐसा है रूप तुम्हारा / Such is your beauty nascent!
छमछम कलकल बहती धारा
कुछ ऐसा है रूप तुम्हारा
Like river's flowing current
Such is your beauty nascent!
ग्रीष्म में जैसे तुम वसंत हो
सुख की सरिता इक अनंत हो
है चेहरा मधुमास सा प्यारा
कुछ ऐसा है रूप तुम्हारा
You are the spring in Summer
And pleasure's perennial river
Moon is full and no crescent
Such is your beauty nascent!
तुम जाड़े की सुखद धूप सी
आज बताओ हमें रुपसी
किसने इतना तुम्हें संवारा
कुछ ऐसा है रूप तुम्हारा
You are like a sun in cold
Just tell O charm manifold!
Whose made are you ornament
Such is your beauty nascent
देख के तुमको लगता ऐसे
नवल कुसुम कोई खिला हो जैसे
भ्रमर हुआ दिल है दिल हारा
कुछ ऐसा है रूप तुम्हारा
When I see you I presume
A flower is in full bloom
Heart's beetel's heart absent
Such is your beauty nascent
तुम नाज़ुक सी कुसुम लता हो
तुम चंदा की शीतलता हो
जरा देख लूँ तुम्हें दोबारा
कुछ ऐसा है रूप तुम्हारा
You are a soft liana of safflower
You are the coolness of moon our
To take a glimpse again I went
Such is your beauty nascent
कैसे आई आज ये घड़ी
जरा कहो हे स्वर्ग-सुंदरी
धरा पे किसने तुम्हें उतारा
कुछ ऐसा है रूप तुम्हारा
How the sweet moment has come
Just tell O fairy lissome
You to the earth who has sent
Such is your beauty nascent
ये परिणय के सुंदर जोड़े
और मांग में सिंदुर थोड़े
धन्य हुए हैं तुम्हारे द्वारा
कुछ ऐसा है रूप तुम्हारा
This the lovely wedding attire
Vermilion on head you require
For you blessed articles meant
Such is your beauty nascent.
क्या -क्या उपमा जोड़े शायर
क्या लिक्खे क्या छोड़े शायर
शायर है परेशान बेचारा
कुछ ऐसा है रूप तुम्हारा.
No much similes can be set
What to write what to go let
Poet thinks and feels faint
Such is your beauty nascent.
..
कवि (Poet)- कुंदन आनंद / Kundan Anand
चित्र (Photograph of)- प्रीति सुमन / Priti Suman
Rhythmic translation into English - Hemant Das 'Him'
Email for feedback - editorbejodindia@yahoo.com
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बहुत सुंदर बहुत बहुत शुभकामनाएं!!💐💐💐
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